UP News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां मंगलवार को एक युवक ओमेंद्र की टीवी (TV) फटने से मौत हो गई. उसके दोस्त और उसकी मां जख्मी हो गए. धमाका इतना तेज था कि एक दीवार पूरी तरह से टूट गई. कमरे की बाकी दीवारों में दरारें आ गईं. पड़ोसियों के अनुसार, ब्लास्ट की आवाज करीब 500 मीटर दूर सुनाई दी। टीवी क्यों फटी इसकी वजह की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है.
मामला गाजियाबाद के हर्ष विहार का है. पुलिस के अनुसार, ओमेंद्र के दोस्त करण को सोमवार को कुत्ते ने काट लिया था. ओमेंद्र उसे दिल्ली गुरु तेग बहादुर अस्पताल (GTB) हॉस्पिटल में रेबीज इंजेक्शन लगवाने ले गया था। दोपहर ढाई बजे दोनों करण के घर लौटे और पहली मंजिल पर टीवी देखने लगे. करण की मां ओमवती भी वहीं मौजूद थीं। दोपहर 3 बजे के करीब अचानक टीवी की स्क्रीन में जोरदार धमाका हुआ. हादसे के बाद नीचे कमरे में मौजूद करण का भाई सुमित और भाभी मोनिका सबसे पहले मौके पर पहुंचे। देखा तो करण, ओमवती और ओमेंद्र लहूलुहान जमीन पर पड़े थे. कमरे की दीवार क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। सोफा, बेड समेत अन्य सामान खराब हो चुका था. इसके बाद उन्हें दिल्ली के GTB अस्पताल में ले जाया गया. जहां ओमेंद्र की मौत हो गई, जबकि मां-बेटे का इलाज चल रहा है.
पुलिस ने बताया कि हमने धमाके की वजह पता लगाने के लिए पूरे कमरे की छानबीन की, लेकिन कोई संदिग्ध चीज नहीं मिली. टीला मोड़ थाने के प्रभारी भुवनेश कुमार ने बताया कि जब उन्होंने घायल को देखा तो उसके चेहरे में LED के टुकड़े घुसे हुए थे। देखने से ऐसा ही प्रतीत हो रहा था कि LED स्क्रीन ही फटी है.
दरअसल, स्थानीय लोग टीवी फटने की वजह हाई वोल्टेज को मान रहे हैं. इनका कहना है कि इस इलाके में अक्सर वोल्टेज की परेशानी रहती है. कभी हाई तो कभी लो वोल्टेज रहता है। यूपी पावर कॉर्पोरेशन के अफसर का कहना है कि अगर हाई वोल्टेज होता तो कई और भी घरों में अप्लाइंस को नुकसान पहुंचता। उधर, गाजियाबाद के SP सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा, ‘LED टीवी के फटने से विस्फोट हुआ है.’
वहीं, गाजियाबाद में LED टीवी बेचने वाले कारोबारी विजय कुमार ने कहा, ‘मैं पिछले 18 साल से इस कारोबार से जुड़ा हूं। LED स्क्रीन में विस्फोट का मामला उन्होंने आज तक नहीं सुना। हां, तेज वोल्टेज या अन्य किसी स्थिति में एलईडी स्क्रीन पिघल जरूर सकती है, लेकिन विस्फोट नहीं हो सकता। क्योंकि इस टीवी में ऐसी कोई भी उपकरण नहीं होता जिसमें विस्फोट की आशंका रहती हो। उन्होंने माना है कि टीला मोड़ वाले घटनाक्रम में धमाके की वजह जरूर कुछ और हो सकती है.’
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