मध्य प्रदेश :भूख मिटाने के लिए इंसान को क्या-क्या करना पड़ता है. यहां एक बुजुर्ग गंदगी ढेर में सड़ा-गला खाना तलाश रहा था. वहीं, पास में एक कुत्ता भी नजर आ रहा है, वो भी खाने की खोज में था. दोनों ही कचरे के ढेर में पड़े खाने को खाते नजर आ रहे हैं. यह वाकया मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सामने आया है. वहीं, इस नजारे का एक समाजसेवी ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया में वायरल किया और बुजुर्ग को खाना खिला कर मदद की. वीडियो गुरुवार शाम का है.
ये वाकया बैतूल की मुलताई तहसील की कन्या शाला के सामने का है. गुरुवार की शाम यहां कई दिन से भूखा एक बुजुर्ग शख्स सड़क किनारे फेंका हुआ सड़ा-गला खाना खा रहा था. इसी बीच वहां से गुजर रहे एक समाजसेवी किसान की नज़र बुजुर्ग शख्स पर पड़ गई. यह देखकर समाजसेवी किसान राजेंद्र भार्गव भी हैरान रह गए. उसने बुजुर्ग शख्स को कचरे में फेंका हुआ खाना खाने से मना किया और अपने पास बुलाया. बात करने पर मालूम हुआ कि बुजुर्ग शख्स तमिलनाडु (Tamilnadu) का रहने वाला है. उसे हिंदी नहीं आती थी और तमिल भाषा बोल रहा था. किसान उस बुजुर्ग शख्स को अपने साथ होटल में ले गया, उसे भरपेट खाना खिलाया और कुछ पैसे दिए. उससे बात करने पर एक चीज समझ आई कि बुजुर्ग शख्स चेन्नई (Chennai) जाना चाहता था. वो कौन है, कहां से आया है और कहां चला गया, इसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है.
हर गरीब को खाना और सम्मान देने के तमाम सरकारी दावों पर ये तस्वीर सवाल खड़े कर रही है. वो भूखा बुजुर्ग मुलताई में कहां है, दोबारा ये जानने की प्रयास किसी भी समाजसेवी या किसी नेता ने नहीं की. वहीं, सामाजिक न्याय कार्यालय बैतूल के उपसंचालक संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि इस की जानकारी मीडिया से पता चली थी. अपने साथियों से पता करने के लिए बोला था. पता चला कि वे आईडेंटिफाई नहीं हो पा रहे हैं. जैसे ही आईडेंटिफाई होते हैं तो जो विभाग की ओर से मदद मिल सकेगी वह उन्हें मिल जाएगी. लगता है वे अपने राज्य को चले गए हैं. वैसे जिन्होंने भी प्रथम दृष्टया देखा था उन्हें नगर पालिका या जनपद के पास उनको पहुंचाना था. उनका कहना है कि सरकार ने वृद्धजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 14567 जारी किया है. अगर किसी को जरूरतमंद बुजर्ग मिलता है तो उसकी जानकारी दे सकते हैं.
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