Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) से जुड़े शेल कंपनी मामले में गुरुवार को वर्चुअल सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार यानि 5 जुलाई को होगी. सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एस एन प्रसाद की बेंच मे हुई. दोनों ही मामलों के प्रार्थी शिव शंकर शर्मा हैं. जिनके अधिवक्ता राजीव कुमार हैं. मामला माइंनिंग लीज और आय से अधिक संपंत्ति के मामले से जुड़ा है.
इससे पहले 23 जून को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में सुनवाई हुई थी. CM सोरेन की तरफ से वरीय वकील मीनाक्षी अरोड़ा और राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा था. उन्होंने कोर्ट में यह जानकारी दी थी कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है. उस एसएलपी पर सुनवाई अभी होनी है. इसलिए उन्हें इस मामले में कुछ वक्त दिया जाए. 11 जुलाई तक के लिए इस मामले की सुनवाई को स्थगित की जाए. कोर्ट ने उनके अपील को नजरअंदाज करते हुए सुनवाई के लिए आज की तिथि निर्धारित की थी.
गुरुवार को कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के बीच वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता ने पक्ष रखा. इस दौरान कपिल सिब्बल ने बेंच से अपना पक्ष रखने के लिए और वक्त की मांग की. सभी पक्ष की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई, 2022 निर्धारित की है. मालूम हो कि प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर CM सोरेन के करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश का आरोप लगाया है. साथ ही मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. इसके अलावा प्रार्थी की ओर से दूसरी जनहित याचिका भी दायर की है. इसके तहत सीएम हेमंत सोरेन को अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन में माइनिंग लीज आवंटन मामले में कार्रवाई करने की मांग की है. प्रार्थी ने लीज आवंटन को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9ए का उल्लंघन बताया.
Average Rating