Bokaro :कारगिल विजय दिवस 2022 के मौके पर आज देशभर में वीर सपूतों को याद किया जा रहा है. इस बीच झारखंड के बोकारो में एयरफोर्स के रिटायर्ड फौजी को उसके घर से बेघर कर दिया गया. रिटायर्ड फौजी लव कुमार ने इसके लिए चास अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश को जिम्मेदार ठहराया है. लव कुमार का आरोप है कि बिना किसी जांच पड़ताल और कोर्ट प्रोसीडिंग के अनुमंडल पदाधिकारी ने आदेश निकाल दिया. लव कुमार ने फैसले पर भी सवाल उठाए हैं. लव कुमार सेक्टर 9बी के स्ट्रीट संख्या 13 की आवास संख्या 641 में रह रहे थे.
लव कुमार ने बताया कि साल 2003 में बोकारो स्टील के कर्मचारी जलेश्वर प्रसाद से यह घर खरीदा था. लेकिन उसके बेटे विजय कुमार ने घर को बेचने की बात को छुपाते हुए घर को खाली कराने का आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी चास को दिया. लव कुमार ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी चास ने बिना किसी प्रोसीडिंग चलाए गलत तरीके से घर खाली करने का आदेश जारी कर दिया. जबकि मैंने 67 पेज के कागजात अनुमंडल पदाधिकारी के ऑफिस में जमा कराए थे. उसकी तरफ से जमा किए गए दस्तावेज की तफ्तीश तक नहीं कराई गई. उन्होंने बताया कि साल 2010 में भी जलेश्वर प्रसाद और उसके बेटे ने मिलकर मेरे इस घर को बेचने की बात कह कर एक शख्स से धोखाधड़ी की थी, जिसका मामला हरला थाने में चल रहा है. लेकिन बिना कागजात तफ्तीश किए और बिना अदालत में केस चलाए अफसरों से इस पर फैसला करा लिया.
वहीं इस घर को खाली कराने आए दंडाधिकारी सुदीप एक्का ने बताया कि विजय कुमार के आवेदन पर चास अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा यह आदेश पारित किया गया है. इसी के आलोक में यह कार्रवाई की जा रही है. इस आदेश के खिलाफ कोई स्टे आदेश नहीं आया है. जिस के वजह से यह कार्रवाई की जा रही है. वहीं इस मामले पर जब चास अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत से बात की गई तो उन्होंने जानकारी दी कि कानूनी तरीके से यह आदेश दिया गया है. बताते चलें कि बोकारो स्टील के क्षेत्र में किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई करने के लिए संपदा न्यायालय बना हुआ है. इस न्यायालय के आदेश पर ही कहीं भी अतिक्रमण को हटाया और आवासों से अतिक्रमण मुक्त कराया जाता है. बावजूद इसके एसडीओ द्वारा एक फौजी के घर को खाली कराने के लिए आदेश दिया जाना, कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में है. इस पर फौजी लव कुमार भी सवाल उठा रहे हैं.
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