नई दिल्ली : टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (CEO Elon Musk) ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता अर्थात टेस्ला किसी भी ऐसे स्थान पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित नहीं करेगा, जहां उसे पहले कारों की बिक्री और सेवा की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही एलन मस्क ने काफी लंबे समय से चल रही अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया। मस्क ने एक सवाल के जवाब में ट्वीट किया। जिसमें पूछा गया कि क्या भविष्य में भारत में टेस्ला मैन्युफैक्चरिंग यूनिट आ रहा है ? एलोन मस्क ने कहा: “टेस्ला किसी भी ऐसे स्थान पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं लगाएगी, जहां हमें पहले कारों को बेचने और सर्विस करने की अनुमति नहीं है।”
What about Tesla ?
Is Tesla manufacturing a plant in India in future?— Madhu sudhan V (@madhusudhanv96) May 27, 2022
दरअसल अमेरिका की ऑटोमोबाइल कंपनी लंबे समय से भारत सरकार से आयातित वाहनों पर उत्पाद शुल्क (import duty) कम करने की अपली कर रही थी। साथ ही यह भी बताया था कि भारत में इंपोर्ट ड्यूटी “दुनियाभर में सबसे ज्यादा” है। हालाँकि, केंद्र ने टेस्ला बॉस से भारत में एक विनिर्माण इकाई स्थापित करने का अनुरोध करते हुए जवाब दिया था। वास्तव में, टेस्ला की पसंद से सरकार की मांग सरल और सीधी थी: भारत की विनिर्माण क्षमताओं में निवेश करें।
वहीं, टेस्ला अपने 2 बड़े विनिर्माण केंद्रों- चीन और अमेरिका से वाहनों का आयात करके उपभोक्ता मांग को चेक करना चाहता था। इसके अलावा, आयात करों को कम करने के टेस्ला के अनुरोध का लोकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने विरोध किया था। उनका तर्क था कि इस तरह के कदम से घरेलू विनिर्माण निवेश को नुकसान होगा। भारत में, 40,000 डॉलर से अधिक की लागत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क और 40,000 डॉलर या उससे कम की लागत वाले वाहनों पर 60 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाता है। भारी इंपोर्ट ड्यूटी के कारण टेस्ला कार भारतीय खरीदारों के लिए बहुत महंगी पड़ेगी।
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