नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने टैक्सपेयर्स को राहत तो दी, लेकिन उनको… जो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में नया इनकम टैक्स सिस्टम चुनेंगे. पुराना टैक्स सिस्टम लेने वाले टैक्स पेयर्स पहले जैसे ही टैक्स देते रहेंगे.
आपको बता दें की नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए रिबेट की लिमिट 7 लाख रुपए कर दी गई. पहले ये 5 लाख रुपए थी. बजट में सैलरीड क्लास को एक और राहत दी है. नए टैक्स सिस्टम में 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल कर लिया गया है. यानि 7.5 लाख रुपए तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
हालाकिं, कमाई पर स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा. यानी आपकी इनकम 7 लाख रुपए से एक रुपया भी ज्यादा हुई तो टैक्स चुकाना होगा.
दरअसल, नए टैक्स सिस्टम के लिए वित्त मंत्री ने नए स्लैब्स का भी घोषणा कर दिया है. उनके लिए अब 3 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होगी.
नई टैक्स नीति
व्यक्तिगत आयकर की नई टैक्स दर इस प्रकार है. अब 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर 0 टैक्स का प्रावधान है. 3 से 6 लाख रुपये तक की आय पर 5%, 6 से 9 लाख रुपये तक आय पर 10%, 9 से 12 लाख रुपये की आय पर 15%, 12 से 15 लाख रुपये तक की आय 20% और 15 लाख से ऊपर की आय 30% आयकर वसूला जाएगा.
जानकारों की मानें तो सरकार ने नई टैक्स रिजीम पर अन्य सहूलियतों का घोषणा करते हुए अपना इरादा साफ कर दिया है कि अब टैक्स की गणना की पुरानी व्यवस्था धीरे-धीरे खत्म की जाएगी। इसका मतलब है कि अगले कुछ वर्षों में आयकर अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत मिलने वाली टैक्स छूट के प्रावधानों को वापस ले लिया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख रुपये और उससे ज्यादा के लिए 52,500 रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाएगा।
दरअसल, अभी तक 5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था। लेकिन अब इस कैप को बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया है। नई कर व्यवस्था के अनुसार अब बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है। जो पहले ढाई लाख रुपये पर थी।
वहीं, अब 6 टैक्स स्लैब की जगह अब 5 टैक्स स्लैब होंगे. न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख तक की इनकम पर 52500 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया गया है. जो पहले 50 हजार रुपये था.
इसके अलावा हमेशा से एक टैक्स स्लैब उपलब्ध हैं. जिसे अब तक सबसे ज्यादा लोगों ने सब्सक्राइब किया है. जिसे ओल्ड टैक्स स्लैब के नाम से जाना जाता है. इसमें ढाई लाख रुपये तक की आमदनी को कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. लेकिन सरकार इस पर 12,500 की छूट देती है. सीधा गणित यह है कि पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आमदनी पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता था.
पुराना इनकम टैक्स स्लैब
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%
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