Babulal Marandi Defection Case: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की सदस्यता खत्म किये जाने की खबरों के बीच प्रदेश में राजनीतिक शह-मात का खेल शुरू हो गया है. खनन पट्टा मामले में हेमंत सोरेन की सदस्यता खत्म किये जाने की चर्चा है, तो दलबदल मामले में BJP के नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) की सदस्यता पर स्पीकर के न्यायाधिकरण में सुनवाई पूरी हो गई है. न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, 1 सितंबर को इस पर फैसला सुनाया जाएगा.
इधर, भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने इस बीच कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया. उन्होंने अपनी पार्टी JVM का भाजपा में विलय किया. सभी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए ऐसा किया. इसमें किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है. वहीं, स्पीकर ने सभी पक्षों को सुना और बाबूलाल मरांडी के मामले में सुनवाई पूरी कर ली. स्पीकर 1 सितंबर 2022 को प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के मामले में सुनवाई करेंगे. बाबूलाल मरांडी के मामले में 8 बिंदुओं पर चार्ज फ्रेम किया था. सभी बिंदुओं पर आज सुनवाई कर ली गई है. बाबूलाल मरांडी की सदस्यता पर अब अंतिम फैसला स्पीकर को लेना है. हालांकि, वह किस दिन अपना फैसला सुनायेंगे, इसके बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है.
जाने पूरा मामला
आप को बता दें कि JVM से भाजपा में शामिल होने वाले बाबूलाल मरांडी के खिलाफ पूर्व विधायक राजकुमार यादव, JMM विधायक भूषण तिर्की, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय, विधायक प्रदीप यादव और कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने याचिका दी है. शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है. इनका कहना है कि BJP में JVM का विलय मान्य नहीं है. इसके साथ ही JVM से जीतनेवाले तीन विधायकों में वह अकेले BJP में शामिल हुए हैं. यह संख्या दो तिहाई नहीं है़ ऐ से में बाबूलाल मरांडी की सदस्यता खत्म की जाये.
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