Ranchi: झारखंड के पूर्व CM और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने आज सोरेन परिवार पर जमकर हमला किया है. बाबूलाल मरांडी कहा कि जब-जब सोरेन परिवार पर संकट आता है, वे आदिवासी होने का कार्ड और ड्रामा खेलने लगते हैं. कहते हैं कि वे आदिवासी हैं, उन्हें कोई पचा नहीं पाता. सामंतवादी सोच के लोग उन्हें परेशान करते हैं. हेमंत सोरेन सहित उनकी पार्टी झामुमो और उनका पूरा कुनबा बार बार यही राग अलापने लगते हैं. सच तो यह है कि सोरेन परिवार ने 108 संपत्तियों का साम्राज्य रांची से दुमका तक और राज्य के बाहर पूरे देश में भी खड़ा किया है. जिनकी कुल अनुमानित कीमत 250 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इसके अलावा कई अघोषित संपत्तियों के भी वे मालिक हैं. बाबूलाल मरांडी ने तंज करते हुए कहा कि सोरेन परिवार ने जितनी जल्दी, जितनी विशाल संपत्ति अर्जित की है, उस आधार पर इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book of World Records) में शामिल किया जाना चाहिए। कहा कि राज्य को लूटा जा रहा है.
भाजपा कार्यालय में मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मैंने अखबारों में देखा कि लोकपाल मामले में शिबू सोरेन को राहत मिलने की बात कही जा रही है। मैंने CBI और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का आकलन किया. अपने स्तर से जांचा-परखा. मुझे पता चला कि सोरेन परिवार के पास रांची से लेकर दुमका तक 108 परिसंपत्तियां हैं लेकिन चुनाव आयोग और इनकम टैक्स को केवल 43 संपत्तियों की जानकारी ही दी गई है. सोरेन परिवार का प्रयास है कि मामलों की जांच ना हो. दिल्ली हाईकोर्ट में इनके वकीलों ने तर्क दिया है कि चूंकि मामला 7 साल पुराना है इसलिए उसकी जांच नहीं होनी चाहिए लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि चोरी पुरानी हो और अब पकड़ी गई हो तो क्या दोषी को सजा नहीं चाहिए?
सोरेन परिवार झारखंड को सिर्फ लूटने का काम किया है
भाजपा विधायक दल के बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन परिवार को जब भी सत्ता मिली. जब भी ताकत मिली, इन्होंने राज्य को लूटा. मुझे याद नहीं है कि झारखंड में किसी भी और आदिवासी परिवार के पास इतनी संपत्ति नहीं होगी. झारखंड में बहुत सारे आदिवासी परिवार वैसे हैं जिनके पास जमीन नहीं है. जमीन नहीं होने के कारण उनको पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार उन आदिवासी परिवारों को 2 कट्ठा जमीन नहीं मुहैया करा पा रही है, अलबत्ता स्मार्ट सिटी (Smart City) के नाम पर आदिवासियों की जमीन लूटी गई. उनका मकान तोड़ दिया गया. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मैं बस जनता को सच बताना चाहता हूं. उनको बताना चाहता हूं कि हमने जिसे झारखंड का मुखिया चुना उसे जनता की नहीं बल्कि अपने परिवार की चिंता है.
हेमंत सरकार जब-जब संकट में आती है तो आदिवासी कार्ड खेलने लगते हैं
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब-जब हेमंत सरकार संकट में आती है. आदिवासी कार्ड खेलने लगते हैं. खुद को विक्टिम बनाने लगते हैं. कहते हैं कि भाजपा को आदिवासी CM पच नहीं रहा है. हेमंत सरकार चौतरफा घिरी है. चाहे वो हाईकोर्ट का मामला हो या सुप्रीम कोर्ट का. राजभवन का मामला हो या चुनाव आयोग का. घिरते हैं तो खुद को गरीब आदिवासी बताने लगते हैं लेकिन कोर्ट में अपने बचाव के लिए देश के महंगे और नामी-गिरामी वकीलों को रखते हैं. झारखंड में कौन सा आदिवासी इतने महंगे वकील रख सकता है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि JMM, BJP पर सामंतवादी होने का आरोप लगाती है लेकिन व्यवहार में खुद सामंतवादी है.
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