Ranchi :सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए झारखंड के हेमंत सरकार ने अगले 5 साल में राज्य में करीब 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने रांची में नई सौर ऊर्जा नीति का शुभारंभ किया है. ऊर्जा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में CM सोरेन ने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग जगहों में अलग है. ऐसे स्थानों मे संचरण लाइन के जरिये बिजली पहुंचाना मुश्किल है. ऐसे मे सोलर पावर एक बेहतर विकल्प है. ये एक अच्छी शुरुआत है. गिरीडीह जिला को सोलर सिटी बनाया जा रहा है. वैसे ही सोलर पावर के इस्तेमाल के लिए गांवों में भी जानकारी देनी होगी.
CM सोरेन आगे कहा कि अलग-अलग विभाग भी सोलर पावर के जरिये सिंचाई समेत अन्य योजनाओं पर कार्य कर रही है. ऐसे मे सोलर पावर का इस्तेमाल थर्मल पावर के विकल्प के रूप में करना चाहिए. जहां थर्मल बिजली 6 से 7 रूपये प्रति यूनिट मिलती है. वही सोलर पावर 2 से 3 रूपये मे मिलेगी. जबकि अब 5 एकड़ जमीन मे एक मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा सकता है. इससे कोयला की कमी और अन्य समस्याओं से राहत मिलेगी. वहीं, उर्जा सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि पॉलिसी का फ़ायदा आम जनों से लेकर व्यवसायियों को मिलेगी. झारखंड मे थर्मल पावर की खपत बढ़ती जा रही है. जरूरी है कि सोलर पावर को बढ़ावा दिया जायें. ऐसे में झारखंड सरकार की ये पॉलिसी राज्य की जरूरी है. पॉलिसी के तहत बहुत सारी प्रक्रियाओं को सरल किया गया है.
कार्यक्रम के दौरान अन्य योजनाओं का भी शिलान्यास किया गया. जिसमें किसान सोलर वाटर पंप सेट योजना के लिए वेब पोर्टल, धनबाद एवं दुमका हवाईअड्डा पर 600 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट एवं गिरिडीह सोलर सिटी योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप पावर प्लांट परियोजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया गया. इस कार्यक्रम में सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे, ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार, जेबीवीएनएल के एमडी केके वर्मा मौजूद रहे.
वहीं, इस नई पॉलिसी के तहत निवेशकों बहुत सी सुविधाएं दी जाएंगी. इसमें सिंगल विंडो सिस्टम, पेमेंट सिक्योरिटी मैकेनिज्म समेत कई प्रावधान किए गए हैं. इस योजना के तहत गिरिडीह के लगभग 40 हजार घरों में सोलर प्लेट लगेंगे. जिन लोगों की सालाना आय 3 लाख से कम होगी, उन्हें इसका लाभ मिलेगा. योजना के तहत राज्य सरकार 60 प्रतिशत राशि वहन करेगी. बाकी लाभुकों को देना होगा. बता दें कि गिरिडीह में सूरज की रोशनी साल के 300 दिन रहती है. यही कारण है कि गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का फैसला लिया गया है.
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