महाशिवरात्रि पर देवघर: अब तक 4 लाख भक्तों ने बाबा बैद्यनाथ के दर्शन किए, 3KM की लाइन

jharkhandtimes

Jharkhand News
0 0
Read Time:3 Minute, 47 Second

देवघर: महाशिवरात्रि पर देवघर में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की 3 KM लंबी लाइन लगी है. मंदिर के पट तड़के 3 बजे खुल गए थे. अब तक 4 लाख भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं. रात 9 बजे तक बाबा बैद्यनाथ के दर्शन होंगे.

बाबा के दर्शन के लिए 2 व्यवस्था है. मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त (Manager Ramesh Parihast) ने बताया कि पहली व्यवस्था सभी आम भक्तों के लिए है. वहीं दूसरी व्यवस्था शीघ्र दर्शनम की है। कुल भक्तों का दर्शन लगभग 4 लाख के करीब है। इसमें 2 से 2.5 लाख भक्त सामान्य दर्शन वाले हैं. इनकी लाइन तकरीबन मंदिर से 3 किलोमीटर तक लगी है। वही शीघ्र दर्शनम के माध्यम से डेढ़ लाख के करीब भक्तों ने दर्शन पूजन किए हैं.

बता दें की देवघर में शिव की 2 बारात निकलेंगी। एक बारात परंपरागत है, यह बारात मंदिर परिसर में ही निकलेगी। वहीं दूसरी बारात देवघर स्टेडियम से निकलेगी, जो नगर भ्रमण करते हुए देर रात बाबा मंदिर पहुंचेगी.

दरअसल, मंदिर के मुख्य प्रबंधन रमेश परिहस्त ने कहा महाशिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की शृंगार पूजा नहीं की जाती है। तय कार्यक्रम के अनुसार बाबा मंदिर में रात 9 बजे तक आमजन जलार्पण करेंगे. इसके बाद मंदिर का पट बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद रात 9.30 बजे से बाबा भोलेनाथ की 4 पहर की विशेष पूजा शुरू होगी।

हालाकिं, अब तक चल रही परंपरा के अनुसार बाबा मंदिर के प्रशासनिक भवन से पारंपरिक बारात निकलेगी. यह बारात रात करीब सवा नौ बजे निकलेगी, जिसमें ढोल-नगाड़े के साथ मंदिर कर्मी शरू राउत मशाल जलाकर बारात की अगवानी करेंगे. वहीं, बारात के साथ सरदार पंडा श्रीश्री गुलाबनंद ओझा आचार्य गुलाब पंडित, उपचारक भक्तिनाथ फलहारी सहित 4 पहर पूजा में लगने वाली सभी पूजन सामग्री लेकर भंडारी व सिकदार निकास द्वार पहुंचेंगे। यहां से सभी लोग गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे और बाबा भोलेनाथ की चार पहर पूजा शुरू होगी.

वहीं, मंदिर प्रबंधन प्रमुख रमेश परिहस्त ने बताया कि 4 पहर की पूजा के बाद बाबा भोले भंडारी को वर की तरह माला आदि पहनाकर दूल्हे की तरह सजाया जाएगा। इसके बाद उनके विग्रह पर साड़ी और शृंगार की सामग्री अर्पित की जाएगी। विग्रह पर सरदार पंडा बेलपत्र से सिंदूर अर्पित कर हर प्रहर की पूजा को संपन्न करेंग. उन्होंने आगे कहा कि यह जानने वाली बात है कि साल में एक बार महाशिवरात्रि पर ही बाबा के विग्रह पर सिंदूर अर्पित करने की परंपरा है। मान्यता के मुताबिक, बाबा के साथ माता पार्वती इसी जगह पर विराजमान हैं.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Comment