बीज घोटाला: मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा- मुझे फंसाया गया, निष्पक्ष जांच की गुहार

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Seed scam: Minister Satyanand Bhokta said – I was framed
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Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस गौतम चौधरी (Justice Gautam Choudhary) की कोर्ट में तत्कालीन कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता (Minister Satyanand Bhokta) की तरफ से दाखिल बीज घोटाला मामले की निष्पक्ष तहकीकात की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बीच प्रार्थी की तरफ से केस संबंधित दस्तावेज अदालत के रिकार्ड लाने के लिए वक्त की मांग की गई. जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त को तय की है.

सुनवाई के बीच महाधिवक्ता राजीव रंजन अदालत में उपस्थित हुए और कहा कि इस मामले में सरकार जवाब दाखिल करना चाहेगी. अदालत ने कहा कि प्रार्थी और राज्य सरकार जवाब दाखिल कर सकते हैं. वहीं, तत्कालीन कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता की तरफ से ACB के विशेष अदालत में याचिका दाखिल कर निष्पक्ष तहकीकात की मांगी की थी. लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.

इसके बाद उनकी तरफ से झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दाखिल की गई है. सुनवाई के बीच सत्यानंद भोक्ता की तरफ से वकील अभय प्रकाश की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बीज खरीद और कृषि उपकरण घोटाला मामले में सत्यानंद भोक्ता का FIR में नाम नहीं था. लेकिन तफ्तीश के दौरान ACB ने उनका नाम इसमें शामिल किया.

वहीं, ACB ने कहा कि मंत्री रहने के बीच सत्यानंद भोक्ता की तरफ से तीन आदेश जारी किया था. इसमें बीज खरीद योजना, बीज विनियम योजना और सिंचाई के लिए कृषि उपकरण खरीदना शामिल है. इस मामले को भी ACB ने जांच के साथ जोड़ लिया. उनकी तरफ से कहा गया कि वह इस मामले में सिर्फ दोबारा और निष्पक्ष जांच चाहते हैं, क्योंकि मामले में उन्हें राजनीति से प्रेरित होकर तफ्तीश में नाम डाला गया था. वे मात्र 14 माह के लिए कृषि मंत्री (Agriculture Minister) बनाए गए. इस मामले में त्वरित ट्रायल और निष्पक्ष जांच की जरूरत है. क्योंकि ACB ने कोई फील्ड जांच नहीं किया है.इस मामले में किसी किसान ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. बीज की खरीदारी भारत के उपक्रम से की गई है. ऐसे में घोटाला कैसे हो सकता है.

वहीं, कोर्ट ने कहा कि वे ट्रायल के बीच अपनी बात कह सकते हैं. इस पर उनकी तरफ से कहा गया कि निष्पक्ष तफ्तीश में अगर उनके खिलाफ साक्ष्य आता है, तो वे ट्रायल के लिए तैयार हैं. इसलिए दोबारा तहकीकात का आदेश दिया जाए. बता दें कि विनीत कच्छप के आवेदन पर ACB ने साल 2009 में पूर्व मंत्री नलिन सोरेन और कृषि निदेशक निस्तार मिंज के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच के बाद ACB ने साल 2015 में सत्यानंद भोक्ता सहित अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.

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