New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया. पेरारिवलन 30 साल से अधिक समय से जेल में बंद है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे पेरारिवलन की समयपूर्व रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया.पीठ ने कहा, ‘राज्य मंत्रिमंडल ने प्रासंगिक विचार-विमर्श के आधार पर अपना फैसला किया था.
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे ए. जी. पेरारिवलन को न्यायालय ने यह देखते हुए नौ मार्च को जमानत दे दी थी कि सजा काटने और पैरोल के दौरान उसके आचरण को लेकर किसी तरह की शिकायत नहीं मिली.शीर्ष अदालत 47 वर्षीय पेरारिवलन की उस याचिका पर सुनाई कर रही थी, जिसमें उसने ‘मल्टी डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी’ (एमडीएमए) की जांच पूरी होने तक उम्रकैद की सजा निलंबित करने का अनुरोध किया था. इससे पहले 4 मई को भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के न्यायमूर्ति एलएन राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने एजी पेरारविलन की रिहाई से संबंधित याचिका पर सुनवाई की थी.
गौरतलब है कि, 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हत्या की गई थी. वहीं, राजीव गांधी हत्याकांड मामले में 7 लोगों को दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने सभी को मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था. इसके बाद 2016 में जे जयललिता और 2018 एके पलानीसामी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी. लेकिन राज्यपालों ने फाइल को लंबे समय तक अपने पास रख लिया था. काफी समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने के कारण दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
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