Goods and Services Tax: पांच राज्यों में चुनाव के खत्म होते ही महंगाई अपने पीक पर है. फल, सब्जी, दूध, पेट्रोल, डीजल या यूं कहें कि रोजमर्रा की जरूरत की सभी चीजें महंगी हो गई हैं. इन सबके बीच अब एक और खबर सामने आ रही है, जो आम आदमी के बजट को बिगाड़ देगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार , अगले महीने होने जा रही GST काउंसिल की बैठक में सरकार GST दरों में बदलाव कर सकती है. सरकार करीब 143 वस्तुओं की GST दर में इजाफा कर सकती है. इस पर सरकार ने राज्यों से विचार मांगे हैं. खबरों के मुताबिक, इससे केंद्र के राजस्व में इजाफा होगी और राज्य मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहेंगे.
सरकार का इन 143 वस्तुओं में से 92 फीसदी वस्तुओं को 18 फीसदी स्लैब से हटाकर 28 फीसदी के स्लैब में लाने की कोशिश है. यह प्रस्तावित दर वृद्धि उन कटौतियों को समाप्त कर देगी जो सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले, 2017 व 2018 में की थी. साल 2017 में GST काउंसिल गुवाहाटी में हुई मीटिंग में परफ्यूम, लेदर का सामान, कपड़े, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स, पटाखों, प्लास्टिक, लैप्स, साउंड रिकॉर्डर, आदि के सामान में जीएसटी में कटौती की गई थी. अगर GST काउंसिल की मौजूदा सिफारिशों को मान लिया जाता है तो अब आपको इन सभी चीजों पर ज्यादा पैसे देने होंगे. इसके साथ ही आपको टीवी सेट (32 इंच), डिजिटल और वीडियो कैमरा, पावर बैंक, आदि के दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है. साल 2018 की जीएसटी मीटिंग में इन सभी चीजों के दाम में कटौती की गई थी.
इन जरूरी चीजों के बढ़ सकते हैं दाम
जिन वस्तुओं की GST दरें बढ़ाई जा सकती हैं उनमें पापड़, गुड़, पावर बैंक, घड़ियां, सूटकेस, हैंडबैग, परफ्यूम, कलर टीवी सेट (32 इंच से कम), चॉकलेट, च्युइंगम, अखरोट, कस्टर्ड पाउडर, नॉन एल्कोहोलिक बेवरेज, सिरेमिक सिंक वॉश बेसिन, काले चश्मे, चश्मे के लिए फ्रेम और चमड़े के अपैरल और कपड़ों के सामान शामिल हैं. पापड़ और गुड़ (गुड़) जैसी वस्तुओं पर जीएसटी दरें शून्य से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है. चमड़े के अपैरल और सहायक उपकरण, कलाई घड़ी, रेज़र, परफ्यूम, प्री-शेव/आफ्टर-शेव की तैयारी, डेंटल फ्लॉस, चॉकलेट, वफ़ल, कोको पाउडर, कॉफी के अर्क और कॉन्संट्रेट, नॉन एल्कोहोलिक बेवरेज, हैंडबैग/शॉपिंग बैग, सिरेमिक सिंक, वॉश बेसिन, प्लाईवुड, दरवाजे, खिड़कियां, बिजली के उपकरण (स्विच, सॉकेट आदि) की निर्माण वस्तुओं पर GST की दर 18 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो सकती है.
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