वॉशिंगटन :संयुक्त राज्य अमेरिका के एक शीर्ष थिंक टैंक ने कहा है कि पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी खालिस्तानी समूह अमेरिका में धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. शीर्ष थिंक टैंक ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी खालिस्तानी समूह चुपचाप संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि नई दिल्ली द्वारा की गई अपील के बावजूद अमेरिकी सरकार भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के प्रति उदासीन रही है. ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ ने मंगलवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट ‘पाकिस्तान का अस्थिरता का षड्यंत्र: अमेरिका में खालिस्तान की सक्रियता’ में पाकिस्तान द्वारा इन संगठनों को दिए जा रहे समर्थन की जांच करने के लिए ‘अमेरिका के भीतर खालिस्तान और कश्मीर अलगाववादी समूहों’ के आचरण को आंका है.
रिपोर्ट में इन समूहों के भारत में उग्रवादी और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों और दक्षिण एशिया में अमेरिकी विदेश नीति (US foreign policy) पर उनकी गतिविधियों के संभावित हानिकारक प्रभावों पर गौर किया गया है. रिपोर्ट दर्शाती है कि ‘पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी संगठनों की तरह, खालिस्तानी संगठन नए नामों के साथ सामने आ सकते हैं.
इसमें कहा गया, ‘दुर्भाग्य से, अमेरिकी सरकार (America Government) ने खालिस्तानियों द्वारा की गई हिंसा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जबकि खालिस्तान अभियान के सबसे कट्टर समर्थक ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में हैं. रिपोर्ट में कहा गया हैकि जब तक अमेरिकी सरकार खालिस्तान से संबंधित उग्रवाद और आतंकवाद की निगरानी को प्राथमिकता नहीं देती, तब तक उन समूहों की पहचान करने की संभावना नहीं है जो वर्तमान में भारत में पंजाब में हिंसा में शामिल हैं या ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं.
हडसन इंस्टीट्यूट (Hudson Institute) का कहना है कि पूर्वानुमान राष्ट्रीय सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसलिए, उत्तरी अमेरिका में स्थित खालिस्तानी समूहों की गतिविधियों की जांच करना खालिस्तान आंदोलन द्वारा आयोजित हिंसा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है. रिपोर्ट में कहा गया कि महत्त्वपूर्ण यह भी है कि अमेरिका के अंदर खालिस्तान से संबंधित भारत विरोधी सक्रियता हाल में बढ़ी है और वह भी तब जब अमेरिका और भारत चीन के बढ़ते प्रभाव खासकर हिंद-प्रशांत में, उसका सामना करने के लिए मदद कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार से भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेने का आह्वान करती है और भारत को इन चिंताओं को दूर करने में सहयोग करने के लिए जरूरी खुफिया और कानून प्रवर्तन संसाधनों को मुहैया कराने का अपील करती है.
Average Rating