Politic In Bihar: बिहार के छपरा जिले में जहरीली शराब का कहर 3 दिन भी जारी है. मंगलवार से अबतक 40 लोगों की शराब पीने से मौत हो चुकी है। कई लोगों का छपरा के सदर अस्पताल और पटना के पीएमसीएच में इलाज जारी है. इधर, नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सीधे तौर पर शराब पीने वालों को कसूरवार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि जो शराब पीएगा, वो मरेगा ही। सीएम के बयान के बाद विपक्ष ने उन्हें निशाने पर लिया है। बिहार में शराबबंदी के दावे को लेकर सवाल उठ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh), भाजपा सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi), सहित कई नेताओं ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है.
बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुशील मोदी (MP Sushil Modi) ने कहा कि मैं मानता हूं कि जहरीली शराब (Poisionous Alcohol) की वजह से दूसरे राज्यों में भी लोग मर सकते हैं. आपने (नीतीश कुमार) बिहार में जब शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया, तो फिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में लोग जेल कैसे जा रहे हैं? सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में पिछले 6 वर्ष में जहरीली शराब पिने से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 6 लाख जेल जा चुके हैं. क्या बिहार पुलिस राज में है? बुधवार को विधानसभा में नीतीश कुमार के बर्ताव को लेकर भाजपा सांसद ने कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
दरससल,केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) ने गुरुवार को कहा कि ये बिहार का दुर्भाग्य है. बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती और जब सदन में कोई इसको उठाता है तो उससे ऐसा व्यवहार करते हैं जो कोई उम्मीद नहीं करता. गिरिराज सिंह ने कहा कि वह (नीतीश कुमार) भारी हताशा में हैं, वह डरे हुए हैं. इसीलिए उन्होंने तेजस्वी यादव को 2025 में सीएम उम्मीदवार भी घोषित कर दिया. अगर बिहार की पुलिस कानून और नीतियों को लागू करने में सक्षम नहीं है तो नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए.
वहीं, पूर्व राज्यसभा सांसद और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके आरसीपी सिंह (Former National President RCP Singh) ने कहा कि नीतीश कुमार ने देश पर शासन करने की अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की वेदी पर बिहार की बलि चढ़ा दी. बुधवार को आरसीपी सिंह ने कहा कि 2020 में मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं. बल्कि वे इस बात पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं कि विपक्ष के लोग उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने में किस तरह से उनका साथ देंगे.
Average Rating