झारखंड में अफीम-ब्राउन शुगर हुआ पुराना, अब इंजेक्शन की डिमांड

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Jharkhand News: झारखंड में नशे के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल बढ़ गया है। अफीम-ब्राउन शुगर और गांजा जैसे प्रतिबंधित नशे के समान महंगे होने और पुलिस की लगातार दबिश की वजह से नशे के आदि लोग इंजेक्शन का इस्तेमाल करने लगे हैं। झारखंड सीआईडी (CID) के आंकड़ों के अनुसार राज्य में एक दर्जन से ज्यादा इंजेक्शन और दवाइयों का इस्तेमाल धड़ल्ले से नशे के लिए किया जा रहा है। पिछले 2 वर्षों से सीआईडी की रिपोर्ट में यह बातें सामने निकल कर आ रही हैं कि नशे के लिए इंजेक्शन और दवाइयों का उपयोग धड़ल्ले से बढ़ा है.

झारखंड सीआईडी ने पूरे राज्य के थानों में दर्ज केस के आधार पर जो आंकड़े जुटाए हैं, वह बेहद हैरान करने वाले हैं। आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में अब नशे के लिए दवाई और इंजेक्शन का प्रयोग अधिक हो रहा है। खासकर युवा वर्ग नशे के लिए टैबलेट से लेकर कफ सिरप और विभिन्न तरह के इंजेक्शन का इस्तेमाल कर रहा है। सीआईडी की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि बाजार में इन दवाओं के सस्ता होने और मेडिसिन दुकानों की मिलीभगत से यह बाजार में आसानी से उपलब्ध है। अमूमन इन दवाओं को डॉक्टर के प्रिशक्रिप्शन के बगैर बेचा नहीं जा सकता।

वहीं, झारखंड पुलिस ने जनवरी 2020 से लेकर मार्च 2022 तक 1852 किलोग्राम गांजा बरामद किया है। पुलिस ने विभिन्न जिलों में चले अभियान के दौरान 29687.320 किलोग्राम डोडा, 556 किलोग्राम अफीम, 15 ग्राम ब्राउन सुगर, 52 ग्राम हेरोइन जब्त किया है। पुलिस के द्वारा 510 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

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