हज़ारीबाग: भारत की सबसे बड़ी, एकीकृत विद्युत कंपनी एनटीपीसी 5 जून को अपनी सभी साईट्स पर विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन कर रही है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम – #ओनली वन अर्थ – के अनरूप कंपनी वृक्षारोपण, शपथ ग्रहण समारोह एवं जागरुकता अभियानों का आयोजन करेगी।
आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत एनटीपीसी कई स्थायी पहलें कर रही है जिसमें महाराष्ट्र के सोलापुर में स्मार्ट टाउनशिप का उद्घाटन भी शामिल है। आइकॉनिक सप्ताह समारोह के दौरान एनटीपीसी अपने विभिन्न विद्युत स्टेशनों पर एक विशाल वृक्षारोपण अभियान भी आयोजित कर रहा है।
उपभोक्ताओं को स्थायी एवं किफ़ायती विद्युत उपलब्ध कराने के प्रयासों को जारी रखते हुए एनटीपीसी ने यूएन में एनर्जी कॉम्पैक्ट लक्ष्यों की घोषणा की तथा दुनिया में ऐसा करने वाली पहली विद्युत कंपनी गई। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्वसंध्या पर एनटीपीसी पर्यावरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और भी सशक्त बना रही है।
विद्युत जगत की यह दिग्गज हाइड्रोजन, कार्बन, बैटरी संग्रहण, इलेक्ट्रिक परिवहन और अपशिष्ट से ऊर्जा के क्षेत्रों में अवसरों पर सक्रियता से काम करती रही है। इसी दिशा में केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की शुरूआत की गई। 2032 तक कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से 60 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य तय किया है।
राष्ट्रीय जल मिशन के मद्देनज़र एनटीपीसी स्थायी उपयोग द्वारा वॉटर फुटप्रिन्ट के अनुकूलन के लिए भी प्रतिबद्ध है तथा अपने संचालन की सभी युनिट्स में वर्षा जल संचय जैसी जल संरक्षण तकनीकों को अपनाकर जल के पुनः उपयोग को बढ़ावा देती है। अपनी इसी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए एनटीपीसी ने सीईओ वॉटर मंेंडेट पर भी हस्ताक्षर किए जो यूएनजीसी एवं जल से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले विशेष संगठनों के बीच सहयोगपूर्ण साझेदारी है।
एनटीपीसी ने आधुनिक तकनीकों एवं इनोवेशन्स के माध्यम से स्थायी पहलों को अपनाकर न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद की है, बल्कि जैव विविधता (बायोडाइवर्सिटी) के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्वास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसी श्रृंखला में कंपनी ने इस क्षेत्र में व्यापक दृष्टिकोण एवं मार्गदर्शक सिद्धान्तों की स्थापना हेतू नवीकृत जैवविविधता नीति (बायोडाइवर्सिटी पॉलिसी) 2022 भी जारी की है। एनटीपीसी 2018 में जैवविविधता नीति जारी करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पहली उपक्रम थी तथा उसी साल इंडियन बिज़नेस एण्ड बायोडाइवर्सिटी इनीशिएटिव (आईबीबीआई) की सदस्य भी बन गई।
एनटीपीसी ने अपने संचालन से उत्पन्न होने वाली अपशिष्ट के लिए रीड्यूस, रीयूज़ और रीसायकल के माध्यम से सकुलर इकोनोमी को लागू किया है। कंपनी पूरी तरह से कागज़ रहित प्रक्रिया को अपनाकर अब तक 4 करोड़ से अधिक कागज़ बचा चुकी है, जो तकरीबन 5000 पूरी तरह से उगे वृक्षों के बराबर है। एनटीपीसी पर्यावरण के प्रति सजग है और अपने विद्युत स्टेशनों के आस-पास प्रवासी पक्षियों के लिए आवास का निर्माण भी करती है।
इसके अलावा एनटीपीसी ने नगरपालिका निकाय के सीवेज उपचार संयंत्र से उपचारित सीवेज जल का उपयोग एसटीपी के 50 किलोमीटर के दायरे में स्थित थर्मल पावर प्लांट्स के लिए शुरू किया है। इसने बायोमास पैलेट्स के माध्यम से थर्मल प्लांट्स में को-फायरिंग भी शुरू की हैं
एनटीपीसी अपनी परियोजनाओं में और इनके आस-पास 37 मिलियन से अधिक वृक्ष लगा चुकी है। साथ ही कंपनी वनों को बढ़ावा देने के लिए ‘मियावाकी’ तकनीक अपना रही है, इससे भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने तथा स्थायी जैव विविधता के संरक्षण में मदद मिलेगी। प्रदूषण को कम कर निर्धारित सीमा के भीतर रखने के लिए एनटीपीसी 60 गीगावॉट थर्मल पावर क्षमता के लिए फ्लू गैस डीसल्फराइ़ेशन भी इन्सटॉल कर रही है।
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