Politic In Jharkhand: संथाल परगना के जरमुंडी (Jarmundi) में एक बार फिर से युवती को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाये जाने के बाद आम लोगों के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों का भी आक्रोश फूट पड़ा है। गुस्साये लोगों ने झारखंड को बिहार से जोड़ने वाली दुमका-भागलपुर सड़क को जाम कर दिया, जबकि गोड्डा के सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता निशिकांत दुबे (Dr Nishikant Dubey) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) से इस्तीफा मांगा है। कहा कि दुमका जिले में यह पहला मामला नहीं है।
डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि इस तरह की सबसे ज्यादा घटनाएं दुमका जिला में हो रही हैं। एक महीना के भीतर यह तीसरा मामला है। उन्होंने कहा कि दुमका शहर वो शहर है, जिसने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन (Shibu Soren) को शिबू सोरेन बनाया. वह यहीं से विधायक बने। यहीं से सांसद बने. उनकी बहू सीता सोरेन (Sita Soren JMM) यहीं से विधायक चुनी गयीं। हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन (Basant Soren) को दुमका के लोगों ने विधायक बनाया।
BJP नेता ने कहा कि दुमका ने सोरेन परिवार के इतने लोगों को विधायक बनाया, लेकिन हेमंत सोरेन को दुमका की बहू-बेटियों की चिंता नहीं है। उन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है। डॉ दुबे ने कहा कि बार-बार ऐसी घटना दुमका जिले में हो रही है। मुख्यमंत्री का नैतिक दायित्व है कि वह इन घटनाओं की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दें।
हालाकिं, निशिकांत दुबे ने कहा कि गोड्डा में भी एक मुस्लिम लड़की को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया। लेकिन, मुख्यमंत्री को प्रशासन से कोई मतलब नहीं है। डॉ दुबे ने आरोप लगाया कि संथाल परगना में बांग्लादेशी गैंग सक्रिय हैं। एक ऐसा गैंग सक्रिय है, जो भोली-भाली आदिवासी बेटियों को अपने जाल में फांसकर उससे विवाह कर रहे हैं। सरकार इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही। आगे उन्होंने ने कहा कि जरमुंडी में हुई घटना की जितनी भी निंदा की जाये, कम है। उन्होंने कहा कि लाश पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, यह मेरा लोकसभा क्षेत्र है, यहां की बहू-बेटियां सुरक्षित रहें, इसकी व्यवस्था मुख्यमंत्री को करनी चाहिए, लेकिन, मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हुए है।
वहीं, डॉ दुबे ने कहा कि अमित अग्रवाल के बारे में मैंने दुमका में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि यह शख्स झारखंड में सरकार चला रहा है। मैंने कहा था कि मुझे अपने मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है. लेकिन, जब तक मैं दिल्ली पहुंचा, मुझ पर 25 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। मेरी पत्नी और बच्चों के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया गया. मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया कि अमित अग्रवाल को बचाने के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
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