Jharkhand News: झारखंड के नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को एक बड़ा झटका लगा है। संगठन का प्रमुख चेहरा माने जाने वाला और 15 लाख का इनामी दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश सिंह (Duryodhan Mahato alias Mithilesh Singh) ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण किया है। शुक्रवार को आईजी अभियान अमोल होमकर के सामने मिथिलेश ने विधिवत आत्मसमर्पण कर दिया।
दरअसल, इनामी दुर्योधन महतो भाकपा माओवादी संगठन में सक्रिय सदस्य था। यही वजह था कि दुर्योधन को उत्तरी छोटानागपुर के कमांडर की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन हाल के दिनों में संगठन दुर्योधन से नाराज था और भेदभाव किया जा रहा था। इससे परेशान होकर पिछले दिनों संगठन छोड़ कर भाग निकला और पुलिस के पास पहुंच गया। आपको बता दें कि बोकारो, गिरिडीह और उत्तरी छोटानागपुर कमेटी के सैक कमांडर रहते दुर्योधन ने कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था।
हालाकिं, झारखंड पुलिस की ओर से लगातार नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इससे नक्सली संगठनों में दहशत है. नक्सली संगठनों के सदस्य जान बचाकर इधर-उधर भाग रहे है और छिपकर रहने को मजबूर है। इस सर्च ऑपरेशन का असर यह हुआ कि छोटे-बड़े नक्सली आत्मसमर्पण करने का मन बना रहे है। जनवरी से लेकर अब तक 11 नक्सलियों ने झारखंड पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुका है। झारखंड पुलिस मुख्यालय के अधिकारी सूत्रों ने बताया कि एक दर्जन से ज्यादा माओवादी हथियार डालने के लिए पुलिस के संपर्क में हैं।
वहीं, भाकपा माओवादी संगठन ने दुर्योधन महतो और उसकी पत्नी सुजाता को गद्दार बताया है। दुर्योधन महतो के संगठन छोड़ने के बाद उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि दुर्योधन ने भाकपा माओवादी से गद्दारी की है। दुर्योधन ने 15 जनवरी की रात 8 संगठन के 52.7 लाख नकद, एक टेबलेट, 83 हजार का एक मोबाइल फोन सहित कई डिजिटल उपकरण लेकर भाग गया है। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि दुर्योधन की जगह रघुनाथ हेंब्रम उर्फ बीरसेन को जिम्मेदारी दी गई है, जिसपर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम रखा है।
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