Crime In Kanpur: कानपुर देहात जिला से सोमवार को दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां अतिक्रमण हटाने के दौरान जलकर मां-बेटी की मौत हो गई। इस मामला के लिए जिम्मेदार अफसरों समेत कई लोगों पर FIR दर्ज कर ली गई है। इसके साथ ही जेसीबी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है और लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया।
दरअसल, कानपुर देहात जिला का प्रशासनिक अमला पहुंचा तो था एक अतिक्रमण को हटाने, लेकिन प्रशासन के दामन पर मां-बेटी की हत्या के आरोपों का दाग लग गया। ये वीडियो उसी वक्त का है जब प्रशासन का अमला कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचा था।
आपको बता दें की इस वीडियो में प्रमिला और उनकी बेटी नेहा दिखाई दे रहे हैं. जैसे ही झोपड़ी पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई शुरू होती है तो प्रमिला की आवाज आती है कि हम जान देंगे और वो दरवाजा बंद करती है। चंद सेकेंड बाद ही झोपड़ी के दरवाजे पर महिला पुलिसकर्मी पहुंचती हैं. इसी दौरान प्रमिला चिल्लाती है कि आग लगा दी है इन लोगन ने… आग लगा दी है, इसी बीच एक शख्स चिल्लाता है कि पानी ले लाओ, आग लगा ली है। प्रमिला फिर चिल्लाती है कि इन लोगों ने आग लगा दी। प्रमिला के बेटे शिवम के आरोपों के अनुसार, जेसीबी ड्राइवर दीपक ने बुलडोजर चलाकर झोपड़ी गिरवा दी, लेखपाल अशोक सिंह ने आग लगाई थी और एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद (SDM Gyaneshwar Prasad) ने कहा था कि आग लगा दो, कोई बचने न पाए।
Kanpur dehat में अतिक्रमण हटाने गई टीम के सामने झोपड़ी में लगी आग से मां बेटी की दर्दनाक मौत के लिए कौन जिम्मेदार हैं?
किसकी अमानवीय और जल्दबाजी ने मां बेटी की जान ली?
झोपडी में लगी आग को बुझाने,मां बेटी को बाहर निकालने के बजाए बुल्डोजर चलवा दिया गया। pic.twitter.com/UZjyJVUEjY— Santosh k. Sharma (@aap_ka_santosh) February 13, 2023
फिलहाल आग कैसे लगी? क्या मां-बेटी ने खुद को आग लगाई? इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है, लेकिन वायरल हो रहे वीडियो से लग रहा है कि मां-बेटी ने आग नहीं लगाई थी, क्योंकि वह चिल्ला रही थीं कि आग लगा दी है इन लोगन ने।
कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी। यही कब्जा हटाने प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ पहुंची थी। बताया जाता है कि दीक्षित और उनके परिवार का बुलडोजर दस्ते से कहासुनी हुई और फिर झोपड़े को गिरने से बचाने के लिए मां-बेटी ने खुद को उसमें बंद कर लिया।
आरोप है कि बुलडोजर टीम ने पहले नल और मंदिर को गिराया और फिर छप्पर गिरा दिया. छप्पर गिरते उसमें आग लग गई। झोपड़ी में मौजूद कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला और उनकी की बेटी नेहा (23 वर्ष) की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए।
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण भड़क गए। चूंकि मृतक महिला का बड़ा बेटा शिवम बजरंग दल में सह संयोजक हैं, लिहाजा दर्जनों की तादाद में बजरंग दल के कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए। भीड़ ने मौके से बुलडोजर टीम को खदेड़ दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने मौके पर खडी लेखपाल की गाड़ी को पलट दिया।
हालाकिं, गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल के साथ पीएसी भी तैनात कर दी गई है। खबर मिलते ही कानपुर कमिश्नर राजशेखर, ADG और आईजी भी मौके पर पहुंच गए. घटना की जानकारी होने पर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला (Minister of State Pratibha Shukla) भी मौके पर पहुंच गईं. पुलिस ने शिवम की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है।
वहीं, पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए कई सर्विलांस टीम लगाई है. जेसीबी चला रहे ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है और लेखपाल को निलंबित किया गया है। साथ ही एसडीएम मेंथा के निलंबन के लिए शासन को चिट्ठी लिखी गई है और थाना प्रभारी को छुट्टी पर भेजा गया है। फिलहाल मां-बेटी के शव को रखकर परिजन हंगामा कर रहे हैं।
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