महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के चंद्रपुर से एक मामला सामने आया है। यहां 3 साल की बच्ची घर के बाहर बैठ खाना खा रही थी, इतने में 1 तेंदुआ आया और उसे अपने जबड़े में दबोच भागने लगा। इतने में मां की नजर बच्ची पर पड़ी और वह तेंदुए के सामने कूद गई और डंडे से हमला कर तेंदुए के मुंह से बच्चो को छुड़ा लिया। इस हमले में बच्ची की जान बच गई है। हालांकि, वह घायल है और उसका चंद्रपुर के जिला अस्पताल में इलाज जारी है।
इस घटना के बाद मामले की जांच करने पहुंचे वन विभाग के 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानीय लोगों ने बंधक बना लिया। ग्रामीण तेंदुए को जान से मारने की मांग कर रहे थे।
दरअसल तेंदुए पर डंडे से हमले के बाद उसने बच्ची को तो छोड़ दिया, लेकिन मां ज्योति पुप्पलवार (Jyothi Pupalwar) पर हमला करने के लिए झपटा। हालांकि, ज्योति डरी नहीं और डंडे से कई प्रहार तेंदुए पर कर दिए। मां के आक्रामक रुख को देख तेंदुए को हार माननी पड़ी और वह भाग गया।
ज्योति पुप्पलवार ने बताया, ”मेरी बेटी घर के आंगन में खाना खा रही थी और मैं नहाने गई थी। नहाकर जैसे ही मैं बाहर निकली तो देखा कि तेंदुए मेरी बेटी को घसीटते हुए ले जा रहा है। मैंने बिना कुछ सोचे समझे उस पर डंडे से हमला कर दिया। हमले के बाद तेंदुए ने बच्ची को छोड़ दिया। लेकिन वह फिर से हमला करने की फिराक में था। मैंने उस पर लगातार डंडे से वार किए तो वह से भाग गया।” मां ने बताया कि तेंदुए के मुंह में बच्ची को देख न जाने उसे कहां से हिम्मत आ गई और उसने डंडे से कई बार प्रहार कर दिया।
पहले भी हुई है ऐसी घटना
चंद्रपुर के दुर्गापुर इलाके में तेंदुए के हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले महीने ही तेंदुए के हमले से 2 बुजुर्ग और 2 बच्चों की जान गई है।
वहीं गुस्साए लोगों ने जब 10 वन अधिकारियों और कर्मचारियों को बंधक बनाया और तेंदुए को मारने की मांग की तो वन विभाग ने भी देर रात तेंदुए को मारने के आदेश जारी कर दिए। तब जाकर लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़ा। अब तेंदुए को पकड़कर मारने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
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