Politics In Jharkhand: विधायक अंबा प्रसाद ने सा॑सद जय॑त सिन्हा पर साधा निशाना, कहा- आंखों पर लगी BJP की अहंकार वाली पट्टी हटाएंगे तब तो महंगाई नजर आएगी

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MLA Amba Prasad targeted MP Jayat Sinha
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हजारीबाग के सा॑सद जय॑त सिन्हा द्वारा स॑सद में महंगाई के मुद्दे पर दिये गए बयान दुर्भाग्यपूर्ण, “महंगाई किधर है” यह कहना जनता के साथ मजाक है

Hazaribagh :बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने संसद में एक हैरान करने वाला बयान दिया है और दावा किया है कि विपक्षी नेताओं को देश में महंगाई खोजने से भी नहीं मिल रही है, क्योंकि महंगाई कहीं है ही नहीं।

बता दें कि सांसद जयंत सिन्हा ने ये चौंकाने वाला दावा सोमवार को लोकसभा में महंगाई पर चर्चा के दौरान किया। हजारीबाग से बीजेपी के लोकसभा सांसद जयंत सिन्हा ने दावा किया है कि विपक्ष के नेता बार-बार महंगाई का मसला उठाते हैं, लेकिन उन्हें उन राज्यों में महंगाई का हाल देखना चाहिए जहां उनकी सरकारें हैं।

बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा के बयान पर बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि हजारीबाग के सांसद श्री जयंत सिन्हा जी का संसद में महंगाई के मुद्दे पर दिया गया बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। महंगाई से त्रस्त होकर आम जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही हैं। ऐसी परिस्थिति में महंगाई किधर है कहना आम जनमानस के साथ मजाक है। उन्होंने कहा कि सांसद जयंत सिन्हा जी आंखों से बीजेपी की अहंकार वाली पट्टी हटाएंगे तब तो उन्हें महंगाई नजर आएगी।

जयंत सिन्हा के दिए गए बयान आम जनता के नजरिये से देखें तो पता चलेगा कि सरकार ने उनकी थाली भर दी है। इस पर कटाक्ष करते हुए अंबा प्रसाद ने कहा कि केंद्र की अहंकारी सरकार ने सही में लोगों की थाली भर दी है, लेकिन सुविधाओं से नहीं बल्कि जीएसटी, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे बोझ से।

अंबा प्रसाद ने कहा कि आज पूरा देश मंहगाई और बेरोज़गारी से जूझ रहा है, मोदी सरकार के द्वारा रोजगार को लेकर की गई घोषणा एक जुमला बनकर रह गया है। एक बड़ी आबादी महंगाई के बोझ तले दबती एवं कुचलती जा रही है। लेकिन बीजेपी के नेता सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए है।आम इंसान जीएसटी की मार झेल रहा है। देश की जनता ने जिन आकांक्षाओं एवं सपनों को पूर्ण करने के उद्देश्य से बीजेपी सरकार को चुना था वो सब सपने की तरह दिख रही हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि मोदीराज में आम इंसान अपने सपनों के लिए नहीं, बल्कि दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है।

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