Lumpy Virus: देश में कई राज्यों में लंपी वायरस (Lumpy Virus) ने पशुओं पर कहर बनकर टूट पड़ा है. लंपी से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अंडमान निकोबार जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं.देश में 11 लाख से अधिक पशु इससे संक्रमित हुए हैं. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में इस वायरस से तकरीबन 57, 000 गायों की मौत हो चुकी है. इनमें से सबसे ज्यादा 37000 मौतें राजस्थान में दर्ज की गई है.
वहीं, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला (Purushottam Rupala) ने बताया कि गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित 6-7 राज्यों में लंपी वायरस फैल चुका है. आंध्र प्रदेश में भी कुछ मामले दर्ज किए गए हैं. स्थिति पर नजर रखी जा रही है. राज्यों के लिए लगातार केंद्र एडवायजरी भी जारी कर रहा है. वहीं, मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने अपनी गायों को गोटपॉक्स वैक्सीन (Gotpox Vaccine) लगवाने की सलाह दी है. राज्य सरकारों को टीकाकरण में तेजी लाने को कह दिया गया है. रूपाला के अनुसार गुजरात में स्थिति में सुधार हुआ है, जबकि पंजाब और हरियाणा में बीमारी नियंत्रण में है. राजस्थान में यह बीमारी फैल चुकी है. फिलहाल, दूध उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है.
वहीं हिमाचल प्रदेश में भी लंपी वायरस फ़ैल चुका है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 2,309 गायों की मौत हो चुकी है. 55, 700 गायों को ये वायरस संक्रमित कर चुका है. हिमाचल प्रदेश के 12 में से नौ जिलों में इससे जुड़े मामले सामने आए हैं. हिमाचल में लंपी ने अगस्त में दस्तक दी थी. हिमाचल में 18 हजार से ज्यादा पशु इस संक्रमण से मुक्त भी हुए हैं. इसके संक्रमण के सबसे अधिक मामले कांगड़ा, ऊना और सिरमौर जिले में सामने आए हैं.यहां के पशुपालकों ने इस बीमारी को महामारी घोषित करने की मांग की है. बता दें कि लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरस है. यह मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों और टिक्स द्वारा एक पशु के शरीर से दूसरे पशु के शरीर तक यात्रा करता है. लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आने के साथ ही उनकी भूख कम हो जाती है. इसके अलावा चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें बन जाती हैं. साथ ही पैरों में सूजन, लंगड़ापन और नर पशु में काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है. कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है.
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