Simdega: झारखंड के सिमडेगा जिले के 12वीं के छात्र रामकृष्ण कि कोशिश खूब सुर्खियां बटोर रहा है। रामकृष्ण की कहानी काफी दिलचस्प है और प्रेरणादायी भी है। रामकृष्ण ने पिता से एक दिन बाइक की मांग की। पिता ने बाइक देने से इन्कार कर दिया, तब रामकृष्ण ने कुछ नया करने की प्लान बनाई। देखते ही देखते उसने अपनी पॉकिट मनी और छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर 20000 रुपये जमा किए और उससे इलेक्ट्रिक साइकिल (electric bicycle) बनाकर अपना सपना साकार किया।
रामकृष्ण के इस जुनून से घर और पूरे शहर के लोग भी हैरान और उत्साहित हैं। इतना ही नहीं, शुरू में इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने को जिस पिता ने फिजूलखर्ची बताया था, उन्होंने ही रामकृष्ण के लगन, परिश्रम और कामयाबी को देखकर 5000 रुपये देकर रामकृष्ण की हौसला अफजाई की। वहीं, उन्होंने सरकारी स्कूल एसएस सिमडेगा से 10वीं की पढ़ाई पूरी की है। वह अभी सिमडेगा कॉलेज में 12वीं कला के छात्र हैं। रामकृष्ण कुमार नीचे बाजार आदर्श नगर के रहने वाले हैं। उसने बताया कि उसके घर की माली स्थिति अच्छी नहीं है। उसके पिता हरिश्चंद शाह की एक गुमटीनुमा दुकान है। इससे परिवार का किसी तरह खर्चा चलता है। वहीं बीते डेढ़ सालों से कोरोना लॉकडाउन के वजह से दुकान बंद रहने से परिवार की माली हालत और ख़राब हो गई। परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति (economic condition) को देखकर रामकृष्ण छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा।
उसे हर दिन कालेज करीब 6 से 7 Km दूर जाना पड़ता है। जबकि घर में एकमात्र बाइक होने के वजह से उसे पिता चलाते थे। कई बार बाइक मांगने पर पिता ने इंकार कर दिया था। इसके बाद उसने देखा कि कोरोना लॉकडाउन में महंगाई काफी तेजी से बढ़ी है। खासकर पेट्रोल की दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। मिडिल क्लास और गरीब परिवार के लिए पेट्रोल का खर्च निकालना बेहद कठिन हो रहा था। इसी को देखते हुए उसने इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने का सपना देखा। वहीं, एक बार चार्ज करने के बाद यह इलेक्ट्रिक साइकिल 40 किलोमीटर चलती है।
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