Dumka: दुमका में हुई अंकिता हत्याकांड का झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन (Chief Justice Dr Ravi Ranjan) और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद (Justice Sujit Narayan Prasad) की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे जनहित याचिका (PIL) में तब्दील कर दिया. हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि यह घटना अमानवीय है. प्रशासन को ऐसी घटनाओं में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.
वहीं, हाईकोर्ट ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक और दुमका SP को निर्देश दिया है कि तत्काल अंकिता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराया जाये. साथ ही कहा कि जल्द से जल्द अनुसंधान कर इस केस में चार्जशीट दाखिल करें. अदालत ने झारखंड सरकार के गृह सचिव और पुलिस प्रमुख डीजीपी को अदालत में तलब किया. महाधिवक्ता को कहा कि आप गृह सचिव और DGP को 12 बजे बुलाएं. महाधिवक्ता ने अदालत के आदेश के आलोक में दोनों अधिकारी को अदालत में हाजिर होने को कहा.
कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी अदालत में उपस्थित हुए. गृह सचिव के अवकाश पर होने के वजह से उनके अधिकारी अदालत में उपस्थित हुए. अदालत ने डीजीपी से पूछा कि पीड़िता के परिजन को क्या पर्याप्त सुरक्षा दी गई है. क्या-क्या सुरक्षा प्रदान की गई है. अब तक ऐसे मामले से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. उनके परिजन को क्या सुविधा दी गई है. मामले में अब तक की गई जांच की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. साथ ही इस संबंध में अदालत ने विस्तृत रिपोर्ट पेश करने की बात भी कही है. वहीं, झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में डबल बेंच के बैठने के पश्चात संज्ञान लिया. स्थानीय मीडिया में आई खबरों के आधार पर इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया गया है. मामले की विस्तृत सुनवाई सरकार के जवाब आने के बाद होगी.
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