झारखंड सरकार चिट फंड घोटाले में HC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी, जाने निवेशकों का कितना पैसा फंसा हुआ है?

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Jharkhand government will go to Supreme Court against HC in chit fund scam
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रांची : चिटफंड घोटाले की राशि निवेशकों को वापस करने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। झारखण्ड सरकार की ओर से बुधवार को यह जानकारी हाईकोर्ट को दी गयी। वहीं इसके बाद चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 6 दिसंबर की तिथि निर्धारित कर दी है। झारखण्ड हाईकोर्ट ने 11 सितंबर को सरकार को निवेशकों की राशि वापस करने और इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने सरकार को उच्चस्तरीय कमेटी के गठन की अधिसूचना 45 दिनों के भीतर जारी करने का निर्देश भी दिया था। कमेटी को गबन की राशि निवेशकों को लौटाने के तरीके पर विचार करने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने निवेशकों को रकम लैटाने के लिए CID के आईजी की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था! जिसे अदालत ने नहीं माना था। अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा था कि. HC के रिटायर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर पीड़ितों को राशि वापस करना चाहती है या नहीं, मगर सरकार की ओर से इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी।

राज्य में 147 करोड़ का है चिटफंड घोटाला का मामला..

झारखण्ड में 147 करोड़ का चिटफंड घोटाला हुआ है। ED के शपथपत्र में इसका जिक्र है। इसमें कहा गया है कि झारखण्ड में डीजेएन ग्रुप ने 15,326 निवेशकों से 147 करोड़ से अधिक की ठगी की है। चिटफंड कंपनियों ने साल 2012-15 के बीच यह राशि जमा की है। ईडी ने जांच में पाया है कि आरोपियों ने न सिर्फ करोड़ों की उगाही की है, बल्कि उगाही के बाद इस संपत्ति को कानूनी तौर पर अर्जित संपत्ति बताया। ईडी ने मनी लाउंड्रिंग की धाराओं के अधीन मामला दर्ज किया है।

क्या है पूरा मामला..

चिटफंड घोटाले में निवेशकों की रकम वापस करने के लिए HC में आधा दर्जन से अधिक जनहित याचिकाएं दायर की गयी हैं, जिस पर सुनवाई की जा रही है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि चिटफंड घोटाला में शामिल कई कंपनी के संचालकों की राशि और संपत्ति ED और CBI ने जब्त की है। सीज पैसे बैंकों में रखे गए हैं। कई प्रदेशों में एक कमेटी बनाकर चिटफंड के शिकार लोगों के केस को डिस्पोजल किया जा रहा है और डूबे पैसे वापस दिलाए जा रहे हैं। ऐसे में झारखंड में भी कमेटी बनाकर निवेशकों की राशि वापस दिलायी जाए। चिटफंड कंपनियों ने अधिक ब्याज का लालच देकर उनके पैसे का गबन कर लिया है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है, लेकिन निवेशकों के डूबे पैसे भी वापस करने की पहल की जाए।

 

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