झारखंड : नए राज्यपाल बने सीपी राधाकृष्णन,रमेश बैस को मिली महाराष्ट्र की जिम्मेदारी !

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Jharkhand: CP Radhakrishnan became the new governor, Ramesh Bais got the responsibility of Maharashtra!
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झारखंड : राज्यपाल रमेश बैस अब महाराष्ट्र के राज्यपाल की भूमिका अदा करेंगे। उनकी जगह सीपी राधाकृष्णन को झारखंड का गवर्नर बनाया गया है. भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति ने रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल नामित किया है।

देश की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड के राज्यपाल के पद से हटने के बाद रमेश बैस को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था। रमेश बैस अपने पूरे कार्यकाल के समय कई मसलों को लेकर सुर्खियों में रहे। विधानसभा से पारित कई बिल को अपनी आपत्तियों के साथ लौटाने के अलावा सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग के मंतव्य पर तरह-तरह के बयान की कारण से चर्चा में रहे। सबसे खास बात है कि रमेश बैस अपने पूरे कार्यकाल के दौरान बार-बार कहते रहे कि बेशक वह संवैधानिक पद पर हैं लेकिन उनका सीधा सरोकार जनता से है और जरूरत पड़ेगी तो वह प्रोटोकॉल भी तोड़ेंगे। आपको बता दें कि सीपी राधाकृष्णन कोयंबटूर से दो बार बीजेपी के लोकसभा सांसद रह चुके हैं.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन झारखंड के 11वें राज्यपाल होंगे. रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फेरबदल करते हुए 13 राज्य के राज्यपाल और एलजी में फेरबदल किया. उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर करते हुए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को वहां का नया गवर्नर नियुक्त किया। इसके साथ ही लद्दाख के एलजी राधा कृष्णन माथुर का इस्तीफा मंजूर करते हुए, अरुणाचल के ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा को लद्दाख का नया एलजी नियुक्त किया। इसके अलावा बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का गवर्नर बनाया गया है।

जानिए, झारखंड के नए राज्यपाल के बारे मेंः सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरूपुर जिला में हुआ था। साधारण परिवार से आने वाले सीपी राधाकृष्णन 16 साल की उम्र से आरएसएस और जन संघ से संगठनों से जुड़े रहे। इसके बाद 1998 के कोयम्बटूर बम धमाकों के बाद 1998 और 1999 के आम चुनावों में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की। 2004 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ अपने संबंधों को समाप्त करने के बाद गठबंधन बनाने के लिए काम किया.

सीपी राधाकृष्णन ने बाद में 2004 के चुनावों के लिए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के साथ संबंध बनाने के लिए राज्य इकाई के साथ काम किया। 2012 में राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता पर हमला करने वाले अपराधी के खिलाफ निष्क्रियता का विरोध करने के लिए मेट्टुपालयम में गिरफ्तारी दी। दक्षिण और तमिलनाडु से बीजेपी के सबसे वरिष्ठ और सम्मानित नेताओं में से एक हैं. 2014 में कोयम्बटूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए बीजेपी का उम्मीदवार नामित किया गया और तमिलनाडु की दो बड़ी पार्टी डीएमके और एआईएडीएमके के गठबंधन के बिना, उन्होंने 3 लाख 89 हजार से अधिक मतों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जो तमिलों में सबसे अधिक था।

कोयम्बटूर से 2019 के चुनाव के लिए एक बार फिर से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया। वर्तमान में वह बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं और उन्हें पार्टी के आलाकमान द्वारा केरल भाजपा प्रभारी नियुक्त किया गया था. वो 2016 से 2019 तक अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे. जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

 

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