Hemant Soren Mining Lease Case: हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, कहा- याचिका की विश्वसनीयता पर करे विचार, HC में 1 जून को सुनवाई

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Hemant Soren got relief from the Supreme Court, said - consider the credibility of the petition
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Ranchi :माइनिंग लीज मामले में आरोपों से घिरे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) को इस मामले में दाखिल याचिकाओं की योग्यता की जांच करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह पहले याचिका के विश्वसनीयता के मुद्दे पर विचार करे और फिर सीएम हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज और शेल कंपनियों से संबंधित मामले में कानून के मुताबिक आगे बढ़े. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद झारखंड हाई कोर्ट में आज मामले में सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई अब 1 जून को होगी.

वहीं, राज्य सरकार की तरफ से अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Advocate Kapil Sibbal) ने कहा कि 22 अप्रैल को केस सुनवाई के लिए आया था, याचिकाकर्ता के पिता ने हत्या के मामले में सबूत रखे अदालत ने सोरेन के पक्ष में फैसला सुनाया, इसके बाद लगातार कई याचिका दाखिल की गई, याचिकाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. सिब्बल ने कहा कि मामले में सील कवर रिपोर्ट दाखिल की गई उसके आधार पर मामले में CBI जांच के आदेश दिया गया. सिब्बल ने कहा कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पक्षकार बनाया जाना चाहिए था, यहां तक ​​कि ASG ने भी नोटिस माफ कर दिया. कपिल सिब्बल ने कहा कि उसी वकील ने एक और याचिका दायर की थी जिसका खुलासा नहीं किया गया. वकील सिब्बल ने कहा कि कोई मामला तब तक CBI को नहीं दिया जा सकता जब तक मामले में कोई FIR न दर्ज हुई हो, इस मामले में कोई FIR नहीं दर्ज हुई थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से कहा कि आपने ED की जांच पर रोक लगाने की मांग नहीं किया है.

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने ईडी को बताया कि स्थिरता के परिणाम के बावजूद, उसके पास आरोपों की जांच करने का अधिकार है. यदि उसे लगता है कि मामले में जांच की जरूरी है. अदालत ने कहा कि उसे उस बचाव को उठाना चाहिए.

वहीं, CM हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा करने के खिलाफ तर्क दिया. उन्होंने कहा कि ED मामले को हाईजैक कर रहा है. छुट्टी के दौरान मामले की सुनवाई की अत्यावश्यकता पर भी उन्होंने सवाल उठाया. राज्य सरकार की तरफ से वकील कपिल सिब्बल और हेमंत सोरेन की ओर से मुकुल रोहतगी ने माइनिंग लीज मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

Hemant Soren Mining Lease Case: हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, कहा- याचिका की विश्वसनीयता पर करे विचार, HC में 1 जून को सुनवाई

Ranchi :माइनिंग लीज मामले में आरोपों से घिरे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) को इस मामले में दाखिल याचिकाओं की योग्यता की जांच करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह पहले याचिका के विश्वसनीयता के मुद्दे पर विचार करे और फिर सीएम हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज और शेल कंपनियों से संबंधित मामले में कानून के मुताबिक आगे बढ़े. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद झारखंड हाई कोर्ट में आज मामले में सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई अब 1 जून को होगी.

वहीं, राज्य सरकार की तरफ से अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Advocate Kapil Sibbal) ने कहा कि 22 अप्रैल को केस सुनवाई के लिए आया था, याचिकाकर्ता के पिता ने हत्या के मामले में सबूत रखे अदालत ने सोरेन के पक्ष में फैसला सुनाया, इसके बाद लगातार कई याचिका दाखिल की गई, याचिकाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. सिब्बल ने कहा कि मामले में सील कवर रिपोर्ट दाखिल की गई उसके आधार पर मामले में CBI जांच के आदेश दिया गया. सिब्बल ने कहा कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पक्षकार बनाया जाना चाहिए था, यहां तक ​​कि ASG ने भी नोटिस माफ कर दिया. कपिल सिब्बल ने कहा कि उसी वकील ने एक और याचिका दायर की थी जिसका खुलासा नहीं किया गया. वकील सिब्बल ने कहा कि कोई मामला तब तक CBI को नहीं दिया जा सकता जब तक मामले में कोई FIR न दर्ज हुई हो, इस मामले में कोई FIR नहीं दर्ज हुई थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से कहा कि आपने ED की जांच पर रोक लगाने की मांग नहीं किया है.

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने ईडी को बताया कि स्थिरता के परिणाम के बावजूद, उसके पास आरोपों की जांच करने का अधिकार है. यदि उसे लगता है कि मामले में जांच की जरूरी है. अदालत ने कहा कि उसे उस बचाव को उठाना चाहिए.

वहीं, CM हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा करने के खिलाफ तर्क दिया. उन्होंने कहा कि ED मामले को हाईजैक कर रहा है. छुट्टी के दौरान मामले की सुनवाई की अत्यावश्यकता पर भी उन्होंने सवाल उठाया. राज्य सरकार की तरफ से वकील कपिल सिब्बल और हेमंत सोरेन की ओर से मुकुल रोहतगी ने माइनिंग लीज मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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