Ranchi: झारखंड के हेमंत सरकार (Hemant Government) का अचानक एक्टिव मोड में आना इन दिनों चर्चा का कारण बना हुआ है. हेमंत सरकार के ताबड़तोड़ फैसले और सचिवालय में लौटी रौनक बताने के लिए काफी है कि हेमंत सरकार के अंदर ऑल इज वेल (All Is Well) है. करीब एक महीने बाद हेमंत सरकार एक्टिव मोड (Active Mode) में दिखने लगी है. सोमवार को करीब 09 घंटे विभागीय कामकाज की समीक्षा झारखंड मंत्रालय (Jharkhand Ministry) में होता रहा, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) खुद देर शाम तक मौजूद रहे. विभागीय सचिव और सभी DC को जिस तरह से निर्देश दिए गए उससे साफ लग रहा है कि सरकार बगैर वक्त गंवाये हर वो काम करना चाह रही है जो जनता से वादा करके पिछले चुनाव में आई है.
झारखंड में 25 अगस्त से जारी राजनितिक उठा-पटक भले ही अब तक नहीं टला हो मगर हेमंत सरकार के एक्टिव मोड में आते ही सचिवालय में रौनक लौट आई है. राज्य सचिवालय के अलग-अलग विभागों में मंगलवार को फाइलों के मूवमेंट में तेजी देखी गई. अधिकारी से लेकर सहायक तक अपनी अपनी कुर्सी पर देर शाम तक जमे रहे.
झारखंड कर्मचारी महासंघ के राज्य सचिव मृत्युंजय कुमार झा कहते हैं कि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने हाल में जो फैसले लिए हैं वो ऐतिहासिक हैं, जो कर्मचारियों से लेकर आम लोगों से जुड़े हुए हैं. अनिश्चितता के बादल हटते ही राज्य सरकार के कामकाज पर भी इसका असर जरूर देखा जा रहा है. वहीं, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) कहते हैं कि कोरोना महामारी के कारण 2 साल यूं ही बीत गए, उसके बाद जैसे ही रफ्तार पकड़ी तो जो परिस्थितियां बनीं और बनाई गईं वह किसी से छिपी नहीं हैं. ऐसे में काम प्रभावित न हो इसके लिए हमारे कैप्टन और हम प्लेयर पूरी तन्मयता के साथ लगे हुए हैं
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