Jharkhand News: CM सोरेन की बढ़ सकती हैं मुश्किलें!, माइनिंग लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश मामले में 10 जून को होगी सुनवाई

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Hearing in mining lease and investment in shell companies will be held on June 10
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Ranchi :झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने CM के खनन लीज और शेल कंपनी में भागीदारी से जुड़े दोनों PIL को सुनवाई के योग्य बताया है. दोनों PIL के मेंटनिबिलिटी को बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में SLP के माध्यम से चैलेंज किया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच को दोनों PIL के मेंटनिबिलिटी को तय कर मेरिट पर सुनवाई के निर्देश दिए थे. इस पर हाईकोर्ट ने 80 पेज का आर्डर जारी किया है.

वहीं, याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने बताया कि दोनों याचिकाएं मेंटेनेबल हैं या नहीं इस पर 1 जून को करीब 4 घंटे तक बहस चली थी. CM सोरेन और सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) और मुकुल रोहतगी ने अपना पक्ष रखते हुए दोनों याचिकाओं को खारिज करने की अपील की थी. दोनों वकीलों ने याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा के क्रेडेंशियल पर सवाल खड़े किए थे. जबकि ED के वकील तुषार मेहता ने कहा था कि पूरे मामले में अगर हाई कोर्ट को लगता है कि इसमें मेरिट है तो वह संज्ञान खुद ले सकता है. वहीं, वकील राजीव कुमार ने बताया कि शुक्रवार को दोनों केस को सुनवाई योग्य बताते हुए मुख्य जस्टिस की कोर्ट ने दोनों केस के मेरिट पर सुनवाई की बात कही. इस पर झारखंड हाईकोर्ट के महाधिवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल किसी अन्य काम में व्यस्त हैं, इसलिए कुछ वक्त बाद सुनवाई की तारीख दी जाए.

इस पर अदालत ने सभी मामलों के मेरिट पर सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख तय की है. अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब दोनों केस की सुनवाई फिजिकल तरीके से होगी. इससे साफ हो गया है कि अगली सुनवाई के दिन CM और सरकार की ओर से वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी रांची आएंगे. वहीं, वकील राजीव कुमार से यह पूछा गया कि क्या हाईकोर्ट के इस फैसले को बचाव पक्ष फिर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह ऑप्शन हमेशा खुला रहता है. दोनों PIL के जरिए याचिकाकर्ता ने पूरे मामले की CBI और ED से जांच कराने की मांग की थी.

आप को बता दें कि मनरेगा में हुई वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) मामले से जुड़े PIL पर सुनवाई के दौरान ED ने झारखंड हाईकोर्ट में एक सीलबंद लिफाफा पेश किया था. ED की दलील थी कि उसके पास शेल कंपनी से जुड़े कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं. लिहाजा, CM से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े PIL को भी एक साथ सुना जाना चाहिए. ED के स्टैंड को कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दोनों केस के मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट को आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में खनन लीज से जुड़े PIL संख्या 727 और शल कंपनी से जुड़े PIL संख्या 4290 को मेंटेनेबल बताया है. हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद दोनों केस के मेरिट पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है.

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