Giridih : सूबे के शिक्षा मंत्री राज्य की शिक्षा व्यवस्था को उच्च स्तर का बनाने की बात कह रहे हैं. लगातार बैठकें चल रही हैं. हर अधिकारी को कहा गया है कि वे अच्छी तरह काम करे। और स्कूल की लचर व्यवस्था को हर हाल में दुरुस्त करें. लेकिन विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही के कारण यहां बच्चों को क्लास रूम नहीं मिल रहा है. ऐसे में बच्चे बरामदे में पढ़ने को मजबूर है.
गिरिडीह डीसी ऑफिस के ठीक पीछे स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलाटांड में बच्चों को बरामदे में पढ़ने को मजबूर है. यहां के बच्चे पिछले एक दशक से बरामदे में पढ़ रहे हैं. वैसे यहां के बच्चों की कक्षा अलग-अलग चले इसके लिए 11-12 वर्ष पहले ही सरकार की तरफ से व्यवस्था की गई थी. दो मंजिला इमारत अधिकृत की गई. भवन की ढलाई भी हो गई लेकिन निर्माण पूरा नहीं हो सका. स्थानीय लोगों का साफ तौर पर आरोप है कि भवन निर्माण में घपला हुआ है। और पैसों का बंदरबांट हुआ है. महेशलुंडी पंचायत के मुखिया शिवनाथ साव का कहना है कि स्कूल के पूर्ण नहीं होने के पीछे जो भी दोषी हैं सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसी तरह की मांग स्थानीय स्थानीय लोग कर रहे है।
गिर गया पुराना भवन:
वहीं दूसरी तरफ विद्यालय का पुराना और जर्जर भवन भी ध्वस्त हो गया है. 01 जुलाई 2022 को बिल्डिंग गिरी है, हालांकि अछि खबर यह है कि। जब बिल्डिंग गिरी उस वक्त स्कूल बंद था. विद्यालय के बच्चे भी कमरे की मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि हमलोग जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं.
अधिकारियों को कई बार दी गई सूचना:
विद्यालय के प्रधानाध्यापक अमृत साव का कहना है कि यहां कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई तीन कमरे में ही ली जाती है. यह भी कहा कि बिल्डिंग 2009-10 का है जिसे साल 2011 में ही पूरा हो जाना चाहिए था. चूंकि वे इस स्कूल में 2013 में योगदान दिए हैं ऐसे में वे कह नहीं सकते की किन वजह से भवन का निर्माण पूरा नहीं हो सका.
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