झारखंड : रांची शिक्षा परियोजना ने निर्णय लिया है कि सर्टिफिकेट जांच के दौरान जितने भी फर्जी पारा शिक्षक पकड़ में आए हैं, उन सबसे अब तक लिए गए वेतन की वसूली की जाएगी. उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी. जिन पारा शिक्षकों ने त्याग पत्र दे दिया है, उनके ऐसा करने की भी जांच होगी कि आखिर उन्होंने किस परिस्थिति में ऐसा किया.
वहीं, जेईपीसी को संदेह है कि उपयुक्त शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के नहीं होने के कारण ही ऐसे लोगों ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए इस्तीफा दिया है. प्रारंभ में इन लोगों से उनके Educational सर्टिफिकेट मांगे जाएंगे. प्रमाण पत्र नहीं सौंपने या सर्टिफिकेट के गलत होने की स्थिति में ऐसे लोगों से भी अब तक लिए गए मानदेय (Honorarium) की वसूली होगी तथा वैधानिक कार्रवाई के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.
जेईपीसी की राज्य परियोजना निदेशक (एसपीडी) किरण कुमारी पासी ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों, सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को इस बारे में जानकारी देते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
31 जनवरी तक कार्रवाई कर प्रतिवेदन मांगा…
जबकि, एसपीडी ने निर्देश दिया है कि बिना अनुमति के लंबे समय से अनुपस्थित रहनेवाले सहायक अध्यापकों पर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करें. वैसे सहायक अध्यापक जिनका प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है, उन पर झारखंड सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 की कंडिका 7 (4) के अनुसार मानदेय की वसूली के साथ-साथ युक्तिपूर्वक (Reasonably) वैधानिक कार्रवाई की जाए. एसपीडी ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी 2023 तक राज्य परियोजना कार्यालय को Reports अवश्य दें.
आवेदन करने की तिथि 10 फरवरी तक बढ़ी
वहीं, एसपीडी ने बताया है कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सहायक अध्यापकों के लिए होने वाली आकलन परीक्षा में भाग लेने के लिए आवेदन भरने की तिथि 10 फरवरी तक बढ़ा दी है. पारा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के लिए 31 दिसंबर तक की तिथि निर्धारित थी, परंतु अब भी करीब 14 प्रतिशत पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच विभिन्न विश्वविद्यालयों (Universities) या बोर्ड में लंबित है. सत्यापन की तिथि को एक महीने तक बढ़ा कर इसे 31 जनवरी किया गया है.
जिन्होंने सर्टिफिकेट नहीं दिया, जनवरी से मानदेय नहीं..
एसपीडी किरण पासी ने निर्देश दिया है कि जिन सहायक अध्यापकों ने एजुकेशनल सर्टिफिकेट जमा नहीं किया है, उन्हें जनवरी से मानदेय नहीं दिया जाए. उनके मानदेय पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा है कि ऐसे लोगों को सेवा मुक्त करने की कार्रवाई की जाए.
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