Ranchi: झारखंड के हजारीबाग जिला के बड़कागांव गोलीकांड मामले में रांची कोर्ट के द्वारा पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई गई है. रांची व्यवहार अदालत के अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में दोनों को सजा सुनाया गया. इससे पहले 22 मार्च को कोर्ट ने इस मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार दिया था. अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई है. जुर्माना भी लगाया गया है.
वहीं, पूर्व मंत्री की बेटी एवं बड़कागांव से कांग्रेस की वर्तमान विधायक अंबा प्रसाद (Amba Prasad) ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील में जाएंगी. दोनों को साजिश के तहत फंसाया गया. कंपनियों की तरफ से जमीनों की लूट के खिलाफ आवाज उठाने की सजा मिली है. सुनवाई के दौरान विधायक अंबा प्रसाद ने कोर्ट से अपील की कि उनके माता-पिता को कम से कम सजा दी जाए.
विधायक ने यह भी कहा कि योगेंद्र साव एवं निर्मला देवी अपने स्वार्थ को लेकर आंदोलन नहीं कर रहे थे. वो लोग जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की आवाज बुलंद कर रहे थे. पूर्व के BJP सरकार के मुखिया के इशारे पर अधिकारियों ने पूरी तरीके से माता पिता को फंसाया. यह भी कहा कि हुजूर अगर इसी तरह जनप्रतिनिधि को टारगेट किया जाएगा तो कोई भी जनप्रतिनिधि जनता की आवाज बनने से पहले सौ बार सोचेंगे. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पेश हुए योगेंद्र साव ने भी कोर्ट से कुछ कहने की छूट देने की अपील की. इस पर कोर्ट ने उन्हें बोलने का अवसर प्रदान किया. योगेंद्र साव ने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत उसे फंसाया है. यह भी कहा कि अधिकारियों ने सुनवाई के बीच एक गवाही नहीं कराई.
क्या है पूरा मामला
बड़कागढ़ के चिरूडीह के खनन क्षेत्र में NTPC को जमीन दी गई गई थी. NTPC अधिग्रहित क्षेत्र से कोयला खनन कर रहा था. पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और तत्कालीन विधायक निर्मला देवी अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे. 15 सितंबर 2016 को निर्मला देवी अपने समर्थकों के साथ कफन सत्याग्रह पर बैठ गई. यह सत्याग्रह 30 सितंबर तक जारी रहा. इस के वजह से उत्खनन काम रुक गया था. एक अक्टूबर की सुबह छह बजे SSP कुलदीप कुमार, सीओ शैलेश कुमार सिंह अन्य पुलिस अधिकारी और जवानों के साथ मौके पर पहुंचे. सत्याग्रह कर रहे लोगों को विरोध खत्म करने की अपील की. नहीं मानने पर पुलिस बल ने विधायक निर्मला देवी को हिरासत में ले लिया. इसके बाद पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई. भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर विधायक को छुड़ा लिया था. हिंसा में SSP कुलदीप, सीओ शैलेश कुमार सिंह सहित कई अधिकारी और जवान घायल हो गए. वहीं, विरोध प्रदर्शन कर रहे चार लोगों की भी मौत हो गई. आनन-फानन में घायल अधिकारियों को एयरलिफ्ट कर रांची के मेडिका अस्पताल लाया गया। वहीं, दो अक्टूबर 2016 को बड़कागांव में FIR दर्ज कराई गई जिसमें पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी एवं अंकित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
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