Ranchi : माइंस लीज मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर संभावित कार्रवाई को लेकर अब सबकी निगाहें भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) पर टिकीं हैं। आयोग अब कभी भी इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नोटिस पर जवाब देने की मियाद आज यानी 10 मई को पूरी हो रही है. CM हेमंत सोरेन ने अभी तक जवाब नहीं दिया है. वहीं, JMM के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि CM के द्वारा चुनाव आयोग को कुछ और वक्त देने का आग्रह किया गया है. अगर इसकी अनदेखी कर आयोग उनके खिलाफ में फैसला लेता है तो अदालत का दरबाजा खटखटाया जायेगा.
JMM के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीएन खरे के ओपिनियन का हवाला दिया. CM हेमंत सोरेन पर लगे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (Office of Profit) के आरोप को निराधार बताते हुए चुनाव आयोग (Election Commission) के नोटिस का समुचित जवाब अध्ययन के पश्चात देने की बात कही.
JMM कार्यालय में सरकार के प्रमुख सहयोगी दल कांग्रेस के नेताओं के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता के जरिए ये जानकारी मीडिया को दी गई. इस मौके पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने इसके पीछे BJP की साजिश बताते हुए जमकर निशाना साधा. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने सरकार पर कोई खतरा होने से इनकार करते हुए कहा कि इस पूरे मामले पर गठबंधन एकजुट है. हर परिस्थिति का सामना करने के लिए हम तैयार हैं.
वहीं, मंत्री आलमगीर आलम ने प्रोपेगेंडा बताया है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा भेजे गये नोटिस का जवाब देने का आज अंतिम दिन है मुख्यमंत्री जवाब देने के लिए वक्त की मांग भी कर सकते हैं. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग के नोटिस का जवाब देने के लिए CM वक्त की मांग भी कर सकते हैं. न्यायिक व्यवस्था के तहत यह अधिकार है.
इस बीच मंत्री आलमगीर आलम ने सरकार पर किसी तरह का खतरा होने से इनकार करते हुए कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में आई है, तब से गैर भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर करने की कोशिश की जाती रही है. ऐसे में झारखंड भी अछूता नहीं है और गठबंधन सरकार इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है.
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