Jharkhand News: झारखंड के बोकारो जिले के जैनामोड़ के बाधडीह मध्य विद्यालय में आकाशीय बिजली गिरने से करीब एक दर्जन बच्चे झुलस गए थे. वहीं, झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahto) ने तत्काल घटनास्थल का जायजा लिया और घायलों से उनका हालचाल जाना था. इसी विषय में रविवार को रांची में आयोजित एक प्रोग्राम के बीच शिक्षा मंत्री ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि राज्य के 35 हजार स्कूलों तक अकेले मैं कैसे पहुंच सकता हूं? हालांकि उन्होंने स्कूल प्रबंधन समिति और हेड मास्टर की लापरवाही की बात को स्वीकार किया.
हादसा के बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है. इसमें किसी का कोई दोष नहीं. 2009 में स्कूल में तड़ित चालक (Lightning Conductor) लगाया गया था, लेकिन स्कूल प्रबंधन समिति (School Management Committee) और हेड मास्टर (Head Master) की लापरवाही के वजह से तड़ित चालक काम नहीं कर रहा था. यही कारण है कि घटना हुई. उन्होंने कहा कि शनिवार को ही आदेश दिया गया है कि वैसे स्कूल जहां तड़ित चालक नहीं लगा हुआ है उसकी रिपोर्ट दें और अविलंब तड़ित चालक लगाया जाए. वहीं, शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि जिस स्कूल में घटना घटी है वहां 10 दिन के अंदर तड़ित चालक लगाने का आदेश दिया गया है. 11 वें दिन खुद जाकर वहां का निरीक्षण करूंगा. साथ ही बोकारो जिले के सभी स्कूलों को भी तड़ित चालक लगाने का आदेश दिया गया है.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने आगे कहा कि झारखंड के 35,000 स्कूलों तक अकेले शिक्षा मंत्री नहीं पहुंच सकता हैं. ऐसे में अधिकारियों को भी जाकर देखने की जरूरत है कि कहां तड़ित चालक नहीं है. राज्य सरकार के स्तर से फंड की कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि वज्रपात की घटना की जिम्मेदारी लेता हूं. 2009 से स्कूल में तड़ित चालक नहीं है. स्कूल प्रबंधन समिति को बुलाकर कड़ी फटकार भी लगाई है. उनसे पूछा गया कि आखिर इतने सालों से तड़ित चालक क्यों नहीं लगाया गया था?
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