New Delhi :सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA के तहत ED को मिले गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने समेत प्रमुख अधिकारों को बरकरार रखा है. अदालत ने ये फैसला PMLA के कई प्रोविजंस की वैधता को चुनौती देने वाली 250 से ज्यादा याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने साफ कहा कि ईडी को गिरफ्तार करने और समन भेजने का अधिकार बिल्कुल सही है. इसके साथ ही, कोर्ट ने PMLA कानून के खिलाफ दायर याचिका को भी रद्द कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच के बीच ED, SFIO, DRI अधिकारियों (पुलिस अफसर नहीं) के सामने दर्ज बयान भी वैध सबूत हैं. कोर्ट ने बेल की कंडीशन को भी बरकरार रखा है. याचिका में बेल की मौजूदा शर्तों पर भी सवाल उठाया गया.
उल्लेखनीय है कि, विपक्ष ने याचिका दायर कर PMLA के कुछ प्रावधानों को कानून और संविधान के खिलाफ बताया था. लेकिन अदालत ने कहा, मनी लॉन्ड्रिंग एक स्वतंत्र अपराध है. उसे मूल अपराध के साथ जोड़ कर ही देखने की दलील खारिज की जा रही है. कोर्ट ने ये भी कहा कि, सेक्शन 5 में आरोपी के अधिकार भी संतुलित किए गए हैं. ऐसा नहीं कि सिर्फ जांच अधिकारी को ही पूरी शक्ति दे दी गई है.
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