Jharkhand News: झारखंड के बोकारो जिला के डीपीएस की एक छात्रा अंजलि शर्मा ने अनूठा सुरक्षा उपकरण तैयार किया है. उसने एक खास घड़ी बनाई है, जिसका नाम गर्ल्स सेफ्टी ऑटोमेटिक कॉलिंग वॉच (Girls Safety Automatic Calling Watch) दिया है। इस घड़ी की मदद से मुश्किल में फंसीं महिलाएं और लड़कियां बस एक बटन दबाकर अपनी हिफाजत कर सकेंगी। घड़ी का बटन दबाते ही परिजन और पुलिस के पास कॉल चला जाएगा. साथ ही एसएमएस भी चला जाएगा। अंजलि ने इस घड़ी को बनाने का संकल्प उस वक़्त लिया था, जब वह छोटी बच्ची थी. अंजलि की मां बस में सफर कर रही थी. उसी दौरान उनके साथ एक घटना हुई। उसी को ध्यान में रखते हुए अंजलि ने यह घड़ी बनाई है।
घड़ी में लगे जीपीएस (Global Positioning System) की मदद से परिजन या पुलिस सीधे लड़कियों के पास मिनटों में पहुंच सकेंगे। इस घड़ी के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के लिए अंजलि का चयन हुआ है। प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए प्राथमिक स्तर पर उसे 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी गई है।
एमसीयू (Microcontroller Unit) आधारित इस वॉच में सेंसर, 2 पुश बटन, एलसीडी स्क्रीन, एलईडी ग्लो, वाई-फाई युक्त जीएसएम (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन) मॉड्यूल, सिम-कार्ड आदि की जरूरत होती है। एक एम्बेडेड सिस्टम में एमसीयू मुख्य घटक है जो सर्किट बनाता है। इसमें एक प्रोसेसर इकाई, मेमोरी मॉड्यूल और कम्युनिकेशन इंटरफेस लगा होता है. एमसीयू में लगी चिप में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की मदद से वो नंबर फीड किए जाते हैं, जिस पर फोन किया जाना है। आपातकाल में घड़ी में लगे बटन को दबाते ही सेंसर काम करने लगता है, जो माइक्रोकंट्रोलर को सूचित करता है. उसमें लगे सिम के जरिए सीधे कंफीगर किए मोबाइल नंबर पर फोन चला जाता है। एक स्विच से घर, तो दूसरे से पुलिस को फोन जा सकता है. एलईडी ग्लो वाले सेंसर से कॉल कनेक्ट होने का पता चलता है। इंटरनेट की मदद से जीपीएस के जरिए फोन रिसीव करने वाले के फोन में उसका लोकेशन भी पहुंच जाता है।
दरअसल, अंजलि ने बताया कि एक बार उसकी मां राखी गौरव बस से सफर कर रही थी। इसी दौरान उनके साथ कुछ बदमाशों ने अनहोनी करने का प्रयास किया. उस वक्त उनकी मदद को कोई सहयात्री आगे नहीं आये। किसी प्रकार पुलिस को सूचित किया गया, तो मदद मिल सकी. इस घटना ने ही उसे यह सेफ्टी कॉलिंग वॉच बनाने के लिए प्रेरित किया। अंजलि की दिली ख्वाहिश कि आगे चलकर आईटी में इंजीनियरिंग, फिर आईएएस अधिकारी बने। उसे रोबोटिक्स में काम करने का अनुभव रहा है।
वहीं, अंजलि के अनुसार 2 हजार रुपए खर्च पर उसने आनलाइन सामान का जुगाड़ किया और सेफ्टी ऑटोमेटिक कॉलिंग वॉच बना डाला। आगे इसके नैनो स्वरूप के लिये खर्च में बढ़ोतरी होगी. डीपीएस बोकारो के प्राचार्य एएस ने बताया कि स्कूल में बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करने का काम किया जाता है। इसी के तहत अंजलि शर्मा ने महिला सुरक्षा को लेकर एक घड़ी बनाई है, जो आने वाले समय में महिला सुरक्षा को लेकर कारगर साबित हो सकता है।
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