New Delhi : देश में Petrol-Diesel के दाम लगातार स्थिर चल रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर कच्चा तेल नरमी दिखा रहा है. इस साल 124 डॉलर प्रति बैरल का स्तर छूने के बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल में काफी नरमी आई है. सप्लाई की चिंताएं बनी हुई हैं, इसके बीच कच्चा तेल गिरकर आखिरकार 100 डॉलर के निचे आ गया है. बुधवार को ब्रेंट क्रूड LCOc1 वायदा 71 सेंट गिरकर 99.98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. WTI क्रूड CLc1 वायदा 62 सेंट टूटकर 97.91 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. वहीं, गुरुवार को भी शुरुआती कारोबार में तेल की कीमतों में गिरावट आई है. इसका कारण है कि संभावित वैश्विक मंदी (Global Recession) की आशंका की बीच तेल की मांग को लेकर चिंता बढ़ गई है.
विदेशी ब्रोकरेज फर्म सिटी ने दावा किया कि इस साल के आखिर तक कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती हैं. इससे पहले मई में इंटरमीडिएट क्रूड का भाव 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिरा था. वहीं, सिटी ग्रुप का दावा है कि क्रूड ऑयल के दामों में गिरावट सिर्फ इस साल नहीं, बल्कि अगले साल भी जारी रह सकती है. 2023 के अंत तक क्रूड ऑयल का भाव गिरकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सिटी ग्रुप के हवाले से कहा गया है- ऐसा लग रहा है कि 2022 और 2023 में रूसी कच्चे तेल का निर्यात मजबूत बना रह सकता है. सिटी ने कहा कि आगे वैश्विक कच्चे तेल की मांग में कमजोरी से इंवेंट्रीज (तेल का स्टॉक) बढ़ जाएंगी. इस कारण आगे चलकर कीमतें और कमजोर होंगी.
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