Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि आज जहां एक तरफ देश में अमृतकाल और विश्व गुरु की संज्ञा दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर हमलोग सामाजिक न्याय मांग रहे हैं. केंद्र सरकार की गलत नीतियों और निर्णयों के कारण देश का लोकतांत्रिक ढांचा ध्वस्त होता दिख रहा है. आज ST, SC, माइनॉरिटी, OBC और महिलाओं के अधिकारों की संरक्षा के लिए हम सभी को एक प्लेटफॉर्म पर आकर संघर्ष करना पड़ रहा है.
यह बात सच है कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, लेकिन वर्तमान में देश का लोकतंत्र खतरे में है. सीएम हेमंत सोरेन साेमवार काे नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए एक मंच पर आकर हम सभी लोगों को लड़ना और संघर्ष करना होगा। आज तो स्थिति ऐसी हो गई है कि कोई भी व्यक्ति जब सामाजिक न्याय की बात करता है या बातों को लेकर लोगों को जागरूक करने की प्रयास करता है, तो उसे जेल जाना पड़ता है.
सीएम ने कहा कि वे जब सामाजिक न्याय की लड़ाई को देखते हैं, तब दिशोम गुरु शिबू सोरेन (Dishome Guru Shibu Soren) की संघर्षमय यात्रा याद आती है. जब देश की आजादी का सपना देखा जा रहा था, उससे पहले ही यहां के आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़नी शुरू कर दी थी। दुर्भाग्यवश आज फिर हम उसी जगह अपने आप को खड़े पा रहे हैं, जहां से हमारे पूर्वजों ने संघर्ष की शुरुआत की थी. अधिकार लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में आज जो परिस्थिति बनी हुई है, यह आनेवाली पीढ़ी के लिए चिंताजनक है। ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस का पहला राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Chief Minister MK Stalin) के नेतृत्व में आयोजित की गई.
कॉन्फ्रेंस को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सीपीएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी, सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह व राजद के मनोज झा आदि ने संबोधित किया.
वहीं, बताते चलें कि डीएमके पार्टी के अध्यक्ष तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 2022 में ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस की शुरुआत की थी. दिल्ली में आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य ‘सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाना और इसके आंदोलन के लिए संयुक्त राष्ट्रीय कार्यक्रम तैयार करना था.
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