एक तरफ परीक्षा के तनाव से मुक्ति दिलाने को लेकर प्रधानमंत्री सहित अन्य लोग छात्रों को टिप्स दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक स्टूडेंट को फीस बकाया होने पर कॉलेज से बाहर कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि छात्रा कॉलेज में एग्जाम दे रही थी। तभी प्रबंधक उसके पास पहुंचे और अपशब्दों का उपयोग करते हुए कॉपी छीन ली। प्रबंधक की इस हरकत से आहत होकर छात्रा अपने घर पहुंची और रात में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बता दें, दिलदारनगर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक लड़की महिला महाविद्यालया उसिया में BA सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी। 14 फरवरी को वह अपने परीक्षा सेंटर पर परीक्षा देने के लिए गई थी। वहां पर फीस बकाया होने के कारण उसे सेंटर से बाहर कर दिया गया, जिसके बाद वह चार किलोमीटर पैदल चलकर कॉलेज पहुंची। कॉलेज प्रबंधन से बात करने के बाद वह फिर चार किलोमीटर पैदल चलकर अपने सेंटर पर पहुंची।
वहां उसे परीक्षा देने तो दिया गया। लेकिन कुछ ही देर बाद सेंटर पर प्रबंधक पहुंचे और स्टूडेंट को अपशब्द कहते हुए कॉपी छीन ली। इसके बाद उसे कहा कि जाओ पहले फीस लेकर आवो तब एग्जाम देना. प्रबंधक के व्यवहार से हर्ट छात्रा सीधे घर पहुंची और कमर बंद करके जोर-जोर से रोने लगी। परिवार वालों ने उसके काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह उदास ही रही।
परिवार वालों ने कहा कि रात में छात्रा ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। मृतका के भाई ने बताया कि प्रबंधक ने उसकी बहन के साथ गाली-गलौज की थी। जिससे वह काफी आहत थी. यही नहीं फीस न जमा करने पर उसका शारीरिक शोषण भी किया। वहीं घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने कहा कि एक दिन पूर्व छात्रा के आत्महत्या करने की जानकारी पुलिस को हुई थी। पुलिस मौके पर पहुंची थी.
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि मृतका के परिजनों का आरोप था कि स्कूल की फीस समय से जमा नहीं होने के कारण प्रबंधक द्वारा उसे परीक्षा में सही समय से नहीं बैठने दिया गया था, जिससे आहत होकर उसने सुसाइड कर ली. परिजनों की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
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