Jharkhand News: दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- बुजुर्ग और जरूरतमंद को पेंशन नहीं मिली, तो जिम्मेवार होंगे अधिकारी

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CM Hemant said that if any needy does not get pension, then the officers will be responsible
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CM in Dumka: झारखंड की उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचे हैं. यहां उनके साथ कैबिनेट के समाज कल्याण मंत्री जोबा मांझी, पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव, शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन, जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा समेत संथाल परगना क्षेत्र के प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं.

मुख्यमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर किसी भी बुजुर्ग और जरूरतमंद को पेंशन नहीं मिली, तो उसके लिए अधिकारी जिम्मेवार होंगे. CM ने कहा कि सभी के हाथ में कुछ न कुछ है. हमारी कोशिश है कि झारखंड के सबसे अंतिम व्यक्ति तक हम पहुंचें. सरकार की आवाज और उन तक हमारी योजनाएं पहुंचे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आपने हमें आशीर्वाद दिया. सरकार बनाने का मौका दिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अत्यंत पिछड़ा राज्य है. देश का सबसे पिछड़ा राज्य है, जहां गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, कुपोषण जैसे संक्रमण हैं. ऐसा लगता था कि यह झारखंड कभी आगे बढ़ेगा ही नहीं. 2019 में हमलोगों ने गंठबंधन बना कर डबल इंजन की सरकार को उखाड़ फेंका. सरकार बनते ही कोरोना की महामारी हमलोगों के सामने राक्षस बन कर खड़ा हो गया. उस राक्षस को भी हमलोगों ने हराया. हमारे मजदूर कोरोना महामारी के कारण दूर-दूर से दूसरे राज्यों को छोड़ कर आ रहे थे. आपलोगों के सहयोग से और इस राज्य के जल जंगल की जमीन की हरियाली के कारण यहां के जनमानस को हमलोगों ने सुरक्षित रखा. पता नहीं और झारखंड को कितनी समस्याएं और परेशानियां झेलनी होगी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमलोग कोरोना महामारी से ठीक से निकले ही नहीं हैं कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. यहां पर बारिश की स्थिति काफी खराब है. गांव में लोग बिचड़ा भी नहीं रोप पा रहे हैं. लगातार हम मौसम विभाग (Weather Department) की भविष्यवाणी को देख रहे हैं. वहां पर हमें निराशा मिल रही है. जहां पर 80 से 90 फीसदी लोग निर्भर हैं सिर्फ बारिश पर, वहां पर बारिश नहीं हो रही है. किसानों, मजदूरों, गरीबों के साथ लगातार मुसीबत आ रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 2019 के चुनावी दंगल में जहां पर हमलोगों के विरोधी तत्कालीन सरकार बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार, सैकड़ों हेलीकाप्टर का इस्तेमाल कर रही थी. वोट बटोरने में लगी थी. पैसे की बदौलत वोट खरीदने की तैयारी में लगे थे. आखिर वो लोग कौन थे, जिन लोगों ने आज उन पैसे वालों से दूर खरीद फरोख्त व्यवस्था से दूर हमें सरकार बनाने का मौका दिया. वे कोई और नहीं थे. वे जल, जंगल, जमीन और कोने-कोने में रहनेवाले लोग थे. आज उस आर्शीवाद का हम कर्ज उतारने में लगे हैं.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार बडी-बड़ी डींगें हांक रही है. पांच किलो राशन दे रहे हैं. ये कर रहे हैं, वो कर रहे हैं. उसमें भी लंबी कतार है. हम देश को पानी उपलब्ध नहीं करा पाये. किसानों के खेत में पानी नहीं दे पाये. किसानों, गरीबों को, शहरी लोगों को पानी नहीं दे पाये, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. देश विकासशील राज्य की बात कहना चाहती है. ये लोग कुछ दिन और रहते, तो इस राज्य को बेच देते. यही होता है व्यापारियों को सरकार का जिम्मा देना. आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया. 20 वर्ष में साढ़े छह लाख लोगों को पेंशन दिया. हमलोग ढाई साल में इस संख्या को 17 से 18 लाख तक पहुंचा दिये. ये 20 साल तक क्या कर रहे थे. राशन कार्ड का भी हालत ऐसा ही था. गरीबों के राशन कार्ड में चावल के साथ-साथ तेल, नमक, चीनी, दाल भी मिलता था. मात्र चावल लोगों को मिलता रहा. सरकार ने खोया हुआ चीज वापस दिया है. हमलोगों ने नमक देने का फैसला लिया है. अब दाल भी देने लगे हैं. इन सब योजनाओं को देख कर विरोधियों के पेट में दर्द होता है. गरीबी का आलम यह था कि उन्हें कुछ नहीं मिल रहा था. गरीबों के लिए साड़ी-धोती योजना शुरू की. साल में दो बार गरीबों को 10 रुपये में धोती-साड़ी बांट रहे हैं.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज इस राज्य के हर तबके में यह सरकार काम कर रही है. 2 साल कोरोना महामारी से लड़ते रहे. विकास को गति दी है. सरकारी नौकरी, गैर सरकारी क्षेत्र में नौकरी हो. स्वरोजगार के माध्यम से नौकरी देने की बात हो. हम कर रहे हैं. बड़े अप्रत्याशित काम कर रहे हैं. JPSC के सफल 250 अभ्यर्थियो को नियुक्ति पत्र दिया.

उन्होंने कहा कि गरीबों को अवसर देकर BPL से निकालने का काम किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जो लोग हमेशा साल में 11 महीने आंदोलन में रहते थे. 65-60 पारा शिक्षक अब 11 महीने स्कूलों में काम कर रहे हैं. अभी सहायक पुलिस सब इधर-उधर भटकता रहा. गलत तरीके से उनकी नियुक्ति हुई. जितने भी कांट्रैक्ट, अनुबंध पर कर्मी हैं, नर्स, मनरेगा कर्मी, कंप्यूटर कर्मी, समाज कल्याण सेविका तथा अन्य को बेदखल नहीं किया जायेगा. सभी को हम रोजगार से जोड़ेंगे.

CM सोरेन ने कहा कि 20 साल हम त्राहिमाम करते रहे. इन लोगों को गद्दी से उतारने में 40 साल लगे. अब लोगों को पहचानने की जरूरत है. 20 साल तक हमारे विरोधी JPSC, पुलिस, शिक्षक बहाली की नियमावली नहीं बनायी. ठेका, पर अनुबंध पर बहाली की. पूरा गरम चाय अस्त-व्यस्त हो गया. पारा शिक्षक, पुलिस तथा अन्य कर्मी को रोजगार देने का काम किया.

CM सोरेन ने कहा कि निजी क्षेत्र में 12 हजार युवक-युवतियों को नौकरी दी. निजी क्षेत्र में नौकरी दी. आगे बढ़ने का दरवाजा खोला, जो बेरोजगार बैठे थे. और भी रास्ते बना रहे हैं. सरकारी संस्थान में रहते रहते जो भी अभ्यर्थी जेपीएससी, यूपीएससी, बैंकिंग, रेलवे तथा अन्य के लिए नयी नीति बना रहे हैं. हम अपने आनेवाली पीढ़ी को विदेशी में शिक्षा ग्रहण कराने के लिए पूरा पैसा देंगे. कोचिंग करायेंगे. अनेकों ऐसी चीजे हैं. पेंशन की समस्या को भी दूर करेंगे. सर्वजन पेंशन शुरू कर दी.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया था. गरीब अधिक हैं, इसकी बातें कही थी. केंद्र ने कोटा नहीं बढ़ाया. सभी पेंशनधारियों को सर्वजन पेंशन से जोड़ दिया. विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन और वृद्धा पेंशन. इन लोगों के पास गरीबों का आंसू पोछने का कोई कार्यक्रम नहीं है. कौन देखेगा. आज जैसी स्थिति है. महंगाई जिस तरीके से आगे बढ़ रही है. आनेवाले समय में आप क्या खायेंगे, क्या पीएंगे. कहना मुश्किल है. इनके चेहरे पर जो मुस्कान दिखता है, वह मुस्कान राज्य की सवा तीन करोड़ जनता पर दिखेगी. आखिर काम कैसे करेंगे. नौकरी करने के बाद हमारा भविष्य क्या होगा, इसकी तलवार लटकी रहेगी. सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलने पर उसे कैसे देखेंगे. बाजार से लोगों का पैसा लेकर शेयर बाजार में लगा दिया है.

झारखंड सरकार ने कर्मचारियों के लिए भी पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा की है. राज्य और देश की स्थिति विचित्र है. न रोजगार मिल रहा है. न सुरक्षा मिल रही है. चारों तरफ डर और भय का माहौल है. हमलोगों का यहां आने का मकसद है, सरकार जो काम कर रही है, वह जमीन पर उतर रही है अथवा नहीं,उसे देखने के लिए आये हैं. हमारी सरकार कागज पर काम करनेवाली सरकार नहीं है. हम लोग गांवों में टेंट लगा कर लोगों का विधवा पेंशन, पेंशन, वृद्धा पेंशन देने का काम किया है. बिरसा हरित ग्राम योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, फूलो झानो योजना, तथा अन्य योजनाएं शुरू की हैं. गांव मजबूत होगा, तो प्रखंड, तब जिल तथा राज्य मजबूत होंगें. सरकार होटल, रेस्टुरेंट, स्टूडियो चलाने, सैलून चलानेवालों को स्वरोजगार उपलब्ध करा रही है. पैसा उपलब्ध करा रही है. कार्यक्रम में झामुमो विधायक नलीन सोरेन, विधायक बसंत सोरेन, प्रदीप यादव, बाल विकास मंत्री जोबा मांझी समेत अन्य ने भी संबोधित किया. सभी का स्वागत ग्रामीण विकास सचिव अविनाश कुमार ने किया और सर्वजन पेंशन की मुख्य बातों का जिक्र किया.

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