बिहार : ‘इस तरह हमें छोड़कर नहीं जाइए सर…आपके बिना हमें पढ़ने में मन नहीं लगेगा सर…अब हमें विद्यालय में और छुट्टी के बाद भी पढ़ने-लिखने के लिए कौन कहेंगे सर.’ ये कहते हुए विद्यालय के बच्चे अपने प्रिय दयानंद सर का हाथ पकड़-पकड़ कर और फफक-फफक कर रो रहे थे.
हालांकि, प्रभारी प्रधानाध्यापक दयानंद प्रसाद की विदाई का माहौल बहुत ही उदास हो गया. बच्चे शिक्षक का हाथ पकड़ कर रोते-बिलखते रहे, दूसरे शिक्षकों ने बड़ी ही मुश्किल से बच्चों को दयानंद प्रसाद से दूर किया. पूरा मामला नवादा जिले के नेमदारगंज उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय का है.
वहीं, स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक दयानंद प्रसाद के विदाई समारोह के दौरान मंगलवार को बच्चे दयानंद सर का हाथ छोड़ ही नहीं रहे थे. उन्हें विद्यालय से जाने ही नहीं दे रहे थे. काफी समझाते-बुझाते रहने के बाद बच्चों ने बड़े ही नम आंखों से अपने प्रधानाध्यापक दयानंद प्रसाद को विदाई दी.
विदा हो रहे बच्चों ने अलग-अलग गिफ्ट अपने पसंदीदा शिक्षक को दी. कई छात्र और छात्राएं तो उनके हाथ को छोड़ ही नहीं रहे थे. इस दौरान एक बच्ची माइक पर अनाउंस करने लगी कि वह अपने दयानंद सर की तरह ही शिक्षक बनना चाहती है.
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