Ranchi: झारखंड में अवैध आरा मिलों (illegal saw mills) के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कार्रवाई तेज करने का फैसला किया है. CM सोरेन ने वन क्षेत्र के 5 Km के अंदर ऐसे सभी आरा मिलों को हटाने का निर्देश दिया है.CM ने वन विभाग (Forest Department) के उस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है, जिसमें झारखंड में 1996 के पूर्व वन क्षेत्र से 5 किमी के दायरे में संचालित आरा मिलों को रेगुलराइज करने के लिए अपील किया गया था. इसी क्रम में CM ने वन विभाग को आदेश दिया है कि वन क्षेत्र से 5Km के दायरे में आने वाले सभी आरा मिलों को जल्द हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें.
वहीं, CM सोरेन के इस फैसले का दूरगामी प्रभाव आनेवाले दिनों में झारखंड राज्य के जंगलों और पर्यावरण पर दिखेगा. इससे जंगलों में लकड़ियों की हो रही अवैध कटाई पर लगाम लगेगी. साथ ही, जंगली जानवर, जंगल और वनस्पति संरक्षित हो सकेंगे. इधर, CM के आदेश के बाद वन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. देवघर जिला के सारठ और सरवन प्रखंड स्थित अवैध रूप से संचालित 4 आरा मिलों में छापेमारी कर भारी मात्रा में सागवान की लकड़ी जब्त की है. लकड़ियों को जब्त करने के बाद वन विभाग ने इन आरा मिलों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है. इस बीच वन विभाग ने झारखंड के सभी वन प्रमंडलों को CM के आदेश से अवगत कराते हुए अविलंब अवैध आरा मिल पर कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं. एक अनुमान के मुताबिक राज्यभर में 100 से ज्यादा अवैध आरा मिल हैं जहां से लकड़ी का अवैध व्यापार होने की शिकायतें आती रहती हैं.
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