Ranchi: झारखंड में 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग लगातार तेज होती जा रही है. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक भी इसकी मांग कर रहे हैं. JMM के बागी हो चुके लोबिन हेंब्रम ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री हेमंतर सोरेन (CM Hemant Soren) चाहते हैं कि उनका कदम पीछे हटे तो उसका एकमात्र रास्ता है कि हेमंत सोरेन लिखकर दें कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति पर चर्चा और उसे विधानसभा से पारित कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे तभी उनका आंदोलन रुकेगा.
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सच बोलना यदि बगावत है तो समझो मैं बागी हूं. लोबिन हेम्ब्रम सरकार और स्थानीय प्रशासन के रवैये से भी खासे नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि मैं 5 अप्रैल को पाकुड़ में आमसभा करने के बाद रांची आया हूं. मुझ पर कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि यह मेरा व्यक्तिगत कार्यक्रम है. जिला कार्यकर्ताओं से लेकर राज्य स्तर तक के कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वे मेरे कार्यक्रम में शामिल न हों. विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने बताया कि उनका मुद्दा खतियान आधारित स्थानीय नीति है. इसी को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया था. मुझे विश्वास नहीं हुआ की इस कार्यक्रम में इतना अधिक लोग शामिल होंगे.
वहीं, लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि CM हेमंत सोरेन अपना भतीजा है. गलती करेगा तो मुझे डांटने का हक है. JMM विधायक ने यह भी कहा कि अगर JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन (Shibu Soren) कहेंगे तो सिर काटकर दे देंगे. लोबिन हेम्ब्रम प्रेस वार्ता के बीच JMM नेता स्टीफन मरांडी पर जमकर बरसे. कहा कि कितने घाट का पानी पी चुके हैं स्टीफन बताएं. लोबिन हेम्ब्रम ने हेमंत सोरेन सरकार को नसीहत दी कि राज्य में तुरंत शराबबंदी लागू करें. कहा कि शिबू सोरेन भी झारखंड में शराबबंदी चाहते हैं. शराब के कारण आदिवासियों का विकास प्रभावित हो रहा है. मालूम हो कि लंबे समय से लोबिन हेम्ब्रम इन दोनों मांगों को लेकर पार्टी और अपनी ही सरकार से लड़ते आ रहे हैं। पिछले दिनों झारखंड विधानसभा में उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार की नई शराब नीति की जमकर आलोचना की थी। इसे झारखंड और आदिवासियों के लिए अहितकर बताया था.
Average Rating