Ranchi :झारखंड में माओवादी नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ बूढ़ा पहाड़ को सुरक्षा बलों और पुलिस ने पूरी तरह फतह कर लिया है. करीब एक महीने से चलाया जा रहा ऑपरेशन ऑक्टोपस पूरी तरह कामयाब रहा है. झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने अपने अदम्य शौर्य और साहस के बल पर नक्सलियों से मुक्त करवा लिया है. बूढ़ा पहाड़ से नक्सलियों को खदेड़ने वाले अपने वीर जवानों से मुलाकात करने स्वयं डीजीपी नीरज सिन्हा (DGP Neeraj Sinha) रविवार को बूढ़ा पहाड़ पहुंच गए. यह पहली बार है जब झारखंड का कोई डीजीपी बूढ़ा पहाड़ पहुंचा और वहां शान से तिरंगा भी फहराया.
वहीं, डीजी नीरज सिन्हा के साथ बूढ़ा पहाड़ से नक्सलियों को खदेड़ने की रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले एडीजी संजय आनंद लाटकर और आईजी अमोल वेणुकान्त होमकर भी बूढ़ा पहाड़ पहुंचे. अपने जवानों के इस अदम्य साहस से गदगद DGP अपने प्रमुख रणनीतिकार एडीजी अभियान और आईजी अभियान के साथ रविवार को बूढ़ा पहाड़ पहुंचे. बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचने के बाद डीजीपी नीरज सिन्हा ने अभियान में शामिल जवानों से मुलाकात की और फिर उनके साथ बूढ़ा पहाड़ की सबसे ऊंची पहाड़ी पर तिरंगा फहराया. डीजीपी अपने साथ जवानों के लिए फल और ड्राई फ्रूट्स भी ले गए थे. उन्होंने अभियान में शामिल जवानों के बीच उसे बांटा.
झारखंड में उग्रवादियों-नक्सलियों के लिए कोई जगह नहीं है : डीजीपी
डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि राज्य में उग्रवादियों-नक्सलियों के लिए कोई जगह नहीं है, उनपर चौतरफा प्रहार जारी रहेगा. सुरक्षा बलों के मनोबल व इच्छाशक्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रतिकूल मौसम, भारी बारिश और आंधी-तूफान के बावजूद अभियान जारी है. डीजीपी ने ग्रामीणों में रोजमर्रा की वस्तुओं का वितरण भी किया. उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उक्त इलाके के ग्रामीणों के लिए अस्पताल, स्कूल, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का निर्माण कार्य शुरू हो रहा है.
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