पिता को जिंदा करने के लिए नवजात को अगवा कर देने वाली थी बलि, पुलिस ने युवती को किया गिरफ्तार

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Crime In Delhi
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Crime In Delhi: दक्षिण पूर्वी दिल्ली इलाके में अंधविश्वास (Blind Faith) का एक बेहद अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक युवती ने कथित रूप से अपने मृत पिता को जिंदा करने के मकसद से 2 महीने के बच्चे की बलि देने के लिए उसका अपहरण कल लिया। हालांकि पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।

पुलिस के अनुसार, गुरुवार 10 नवंबर शाम करीब 4:00 बजे अमर कॉलोनी थाने में सूचना मिली कि पास के गढ़ी इलाके से करीब 2 माह के मासूम को अज्ञात महिला ने अगवा कर लिया है। बच्चे की मां ने पुलिस को बताया कि अपहरणकर्ता महिला उनसे सफदरजंग अस्पताल में मिली थी और खुद को जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए काम करने वाले एनजीओ का सदस्य बताया था. उसने उन्हें मां और बच्चे को मुफ्त दवा और परामर्श देने का वादा किया। इस कड़ी में गुरुवार को वह उनके घर आई और बच्चे की नजदीकी केंद्र में जांच कराने के नाम पर उसे अपने साथ ले गई।

दरअसल, पुलिस में दर्ज शिकायत में बच्चे की मां ने बताया कि उसने अपनी 21 वर्ष की भांजी ऋतु को भी महिला के साथ भेज दिया. इसके बाद आरोपी ने ऋतु और बच्चे को अपनी कार में बैठाया. रास्ते में उसने ऋतु को नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाई, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद अपहरणकर्ता ने ऋतु को यूपी के गाजियाबाद में सड़क किनारे फेंक दिया, जहां होश में आने के बाद उसने अपने परिवार को इस पूरी घटना के बारे में सूचित किया।

पुलिस भी घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत हरकत में आई। उसने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और अपहरणकर्ता की कार का नंबर पता लगाया। इस नंबर के सहारे पुलिस को महिला के घर का पता मिल गया. हालांकि जब वह उस जगह पहुंची तो युवती का कोई अता-पता नहीं था। इस बीच पुलिस को मुखबिरों से पता चला कि वह कोटला मुबारकपुर स्थित आर्य समाज मंदिर के पास शाम 4:00 बजे पहुंचने वाली है। पुलिस ने फिर उस जगह पर रेड मारकर आरोपी युवती को गिरफ्तार करते हुए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।

पुलिस के मुताबिक, अपहरणकर्ता की पहचान कोटला मुबारकपुर में रहने वाले मदन मोहन की 25 वर्षीय बेटी श्वेता के रूप में हुई है। पुलिस की पूछताछ में उसने खुलासा किया कि पिछले महीने उसके पिता की मृत्यू हो गई थी। उनके अंतिम संस्कार के दौरान उसे पता चला कि एक ही लिंग के शिशु की बलि देने से उसके पिता फिर से जिंदा हो सकते हैं। इस अंधविश्वास को अंजाम देने के लिए उसने इलाके में नवजात लड़के की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान सफदरजंग अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में उसकी इस नवजात की मां से मुलाकात हुई, जिसके बाद उसने कथित रूप से अपहरण की साजिश को अंजाम दिया।

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