Ranchi :बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने हजारीबाग के विभिन्न प्रखंडों की गैरमजरूआ वन भूमि की लगभग 10000 एकड़ जमीन की अवैध बंदोबस्ती का मामला बजट सत्र के अंतिम दिन उठाया. उन्होंने सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि हजारीबाग सहित पूरे झारखंड में वर्षों से लगातार गैरमजरूआ वन भूमि की लगभग 10000 एकड़ जमीन की अवैध बंदोबस्ती हो चुकी है. वर्तमान में कई एकड़ भूमि की अवैध बंदोबस्ती की जा रही है.
विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि हजारीबाग जिले के बड़कागांव, केरेडारी, सदर, कटकमसांडी एवं कटकमदाग प्रखंड के पंजी-2 में लगातार हेराफेरी के मामले संज्ञान में आते रहे हैं और इस संदर्भ में हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव और केरेडारी प्रखंड के अवैध बंदोबस्ती के संबंध में देवाशीष गुप्ता, आईएएस के नेतृत्व में गठित एसआईटी के द्वारा रिपोर्ट दिया जा चुका है भी परंतु उस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि बड़कागांव में तत्कालीन अंचलाधिकारी और NTPC के पदाधिकारियों, भूमाफिया की मिलीभगत से पकरी बरवाडीह और आसपास के गांवों में 3000 करोड़ का भुगतान हुआ और देवाशीष गुप्ता के रिपोर्ट की संचिका भी वर्तमान में हजारीबाग उपायुक्त कार्यालय से गायब होने की सूचना है.
विधायक अंबा प्रसाद ने सदन के माध्यम से सरकार से मांग किया की अवैध बंदोबस्ती पर रोक लगाते हुए देवाशीष गुप्ता की रिपोर्ट के आलोक में संबंधित गुनाहगारो पर कार्रवाई किया जाए. अंबा प्रसाद के प्रश्न पर विभाग के मंत्री ने बताया कि NTPC के मामले में हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव और कटकमदाग अंचल अंतर्गत गैरमजरूआ भूमि का अवैध तरीके से मुआवजा भुगतान के आरोप के संबंध में पूर्व से राज्य सरकार के द्वारा विशेष जांच दल गठित किया गया था, जांच दल के द्वारा मुआवजा भुगतान में अनियमितता बरतने का प्रतिवेदन भी समर्पित किया गया है. गैरमजरूआ भूमि का मुआवजा भुगतान के मामले में CBI के द्वारा जांच की जा रही है और अवैध बंदोबस्ती पर रोक लगाने के लिए देवाशीष गुप्ता की रिपोर्ट के आलोक में संबंधित गुनाहगारो पर कार्रवाई की जा रही है.
विधायक अंबा प्रसाद ने की वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू करने की मांग
वहीं, अंबा प्रसाद ने वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू करने की मांग की. उन्होंने सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि हमारी सरकार जल, जंगल, जमीन के मुद्दे पर बनी है. मुख्यमंत्री के द्वारा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू करने की ऐतिहासिक घोषणा से राज्य भर में जमीन से जुड़े समस्याओं पर अंकुश लगेगा एवं इस फैसले से झारखंड के अस्तित्व को बचाने का कार्य किया गया है.
अंबा प्रसाद ने कहा कि परंतु खनन कंपनियों द्वारा भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया के बीच स्थानीय रैयतो को बगैर रैयती दर पर मुआवजा और वन पट्टा मुहैया कराए जंगलों की अंधाधुंध कटाई की जाती है. इसलिए उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से यह मांग किया कि राज्य भर में वन अधिकार अधिनियम कानून 2006 का सख्ती से अनुपालन कराया जाए जिससे जंगल और जमीन से जुड़े सभी मामलों का निराकरण हो सके.
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