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Ranchi: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष कोर्ट ने रिश्वत मामले में 20 साल बाद भवन निर्माण विभाग लोहरदगा के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरेंद्र प्रसाद सिन्हा और कैशियर सुरेंद्र प्रसाद को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.
अदालत ने हरेंद्र प्रसाद सिन्हा को 2 साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. और सुरेंद्र प्रसाद को डेढ़ साल की सजा सुनाई और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 2 महीने से लेकर 6 महीने तक सजा काटनी होगी.
ACB ने दोनों को 16 दिसंबर 2002 को घुस की राशि 4500 रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. वह संवेदक मिथिलेश तिवारी से बिल पास करने के एवज में कमीशन ले रहा था.
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