New Delhi :देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.695 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब डॉलर रह गया है. लगातार तीसरे हफ्ते इसमें गिरावट दर्ज की गई है. 29 अप्रैल, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.695 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. बता दें कि इससे पहले 22 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.271 अरब डॉलर घटकर 600.423 अरब डॉलर रह गया था.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार जिसे ‘आयात कवर’ माना जाता है, जून 2021 में पहली बार 600 अरब अमरीकी डालर के पार पहुंच गया था. इसके बाद विदेश मुद्रा भंडार 3 सितंबर 2021 को 642.453 अरब अमरीकी डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. तब से अब तक इसमें 45 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है. वहीं, हाल के महीनों में रुपया कई कारकों से कमजोर हुआ है. 7 मार्च को 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 76.97 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आठ हफ्तों की गिरावट 11 मार्च से शुरू हुई थी. शुक्रवार, 6 मई को रुपया 76.93 प्रति USD पर कारोबार को खत्म करते हुए फिर से अपने सर्वकालिक निचले स्तर के करीब पहुंच गया.
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी ने दुनिया भर के देशों में गंभीर मुद्रास्फीति पैदा की है. जिससे केंद्रीय बैंकों को समस्या का समाधान करने के लिए उपाय करना पड़ा है. बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, RBI विदेशी मुद्रा बाजारों में गिरावट को रोकने के लिए आक्रामक उपाय कर रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से डॉलर बेच रहा है और इस तरह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. आईएफए ग्लोबल (IFA Global) के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक गोयनका ने बताया कि RBI रुपये की गिरावट को रोकने के लिए विदेश मुद्रा भंडार का उपयोग कर रहा है. वहीं, इकोनॉमिक टाइम्स (Economic Times) की रिपोर्ट के अनुसार RBI नहीं चाहता कि विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन अमरीकी डालर से नीचे गिरे. ऐसे में RBI आने वाले हफ्तों में डॉलर की बिक्री पर अपनी नीति बदल सकता है.
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