देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रही संप्रादिक तनाव की खबरों के बीच उत्तराखंड में एक अनोखी मिसाल देखे को मिली है. यहां अपने दिवंगत पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने की खातिर दो हिंदु बहनों ने डेढ़ करोड रुपयों से अधिक कीमत की ज़मीन ईदगाह के लिए नाम कर दी. यह ज़मीन तकरीबन 2 एकड़ से ज़्यादा है. दोनों बहनों ने यह निर्णय ईद के त्योहार से पहले लिया ताकि ईदगाह का विस्तार हो सके.
वहीं, इन बहनों के दान ने मुसलमानों के दिल को छू लिया जिसके बाद सभी मुसलमानों ने मंगलवार के दिन उनके दिवंगत पिता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. आपको बता दें दोनों बहने उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के छोटे से शहर काशीपुर की रहने वाली हैं. दोनों के इस निर्णय के बाद वह अब चर्चा का मुद्दा बनी हुई हैं.
ईद पर दोनों बहनों के लिए मांगी गई दुआ
अनिता (62 साल) और सरोज (57 साल) ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए ईदगाह के लिए ज़मीन सौंपी, तो मुस्लिम समुदाय ने उन्हें बदले में बड़ा सम्मान दिया. एक खबर के मुताबिक मंगलवार को ईद के मौके पर दोनों बहनों के लिए दुआएं मांगी गईं. यही नहीं, कई लोगों ने अपने वॉट्सएप प्रोफाइल पर दोनों बहनों की तस्वीर लगाकर उनका शुक्रिया अदा किया.
आप को बता दें कि साल 2003 में 80 साल की उम्र में परलोक सिधारे लाल बृजनंदन रस्तोगी काशीपुर में किसान थे. उनकी ज़मीन का हिस्सा उनकी बेटियों को मिला था. उनके निधन के लंबे समय के बाद परिवार और रिश्तेदारों से बेटियों को पता चला कि उनके पिता ज़मीन का एक हिस्सा ईदगाह को देना चाहते थे, लेकिन बेटियों से कहने में संकोच करते थे. यह जानने के बाद मेरठ में रहने वाली सरोज और दिल्ली में रहने वाली अनिता ने बातचीत की और बीते रविवार को ज़मीन सौंपने की कागज़ी कार्रवाई पूरी कर दी.
Average Rating